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Updated August 31st, 2021 at 08:05 IST

करनाल लाठीचार्ज: किसानों का हरियाणा सरकार को अल्टीमेटम, 6 सितंबर तक शामिल अधिकारियों के खिलाफ दर्ज हो FIR

किसानों ने लाठीजार्च में शामिल अधिकारियों पर प्राथमिकी दर्ज करने के लिए 6 सितंबर तक का अल्टीमेटम दिया है।

Reported by: Ankur Shrivastava
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करनाल में हुए लाठीजार्च के बाद से किसानों में काफी गुस्‍सा है। किसानों की एक महापंचायत में सोमवार को मांग की गई है कि लाठीजार्च में शामिल एसडीएम आयुष सिन्हा सहित सभी अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाए। किसानों ने सुशील काजल के परिजनों के लिए भी मुआवजे की मांग की है। आपको बता दें कि सुशील काजल इस लाठीजार्च में घायल हो गए थे और अगले दिन उनकी मौत हो गई थी। हालांकि पुलिस ने इस मौत को हार्ट अटैक बताया था। सुशील काजल के लिए मुआवजे के तौर पर किसानों ने 25 लाख रुपये और उनके परिवार के एक सदस्य के लिए सरकारी नौकरी की मांग की है। 

किसानों ने लाठीजार्च में शामिल अधिकारियों पर प्राथमिकी दर्ज करने के लिए 6 सितंबर तक का अल्टीमेटम दिया है। किसानों ने कहा है कि अगर 6 सितंबर तक ऐसा नहीं किया गया तो 7 सितंबर को करनाल के लघु सचिवालय का अनिश्चित काल के लिए 'घेराव' किया जाएगा। भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी द्वारा बुलाए गए करनाल के अनाज मंडी में एक महापंचायत में इन सभी बातों पर सर्वसम्मति से फैसला लिया गया।

गुरनाम सिंह चढूनी ने करनाल में प्रदर्शनकारी किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं तो सात सितंबर को सचिवालय कार्यालय की घेराबंदी की जाएगी। उनका कहना है कि सरकार ने शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे किसानों पर बल प्रयोग किया है। लोकतंत्र में हर किसी को शांति से अपनी आवाज उठाने का हक है। सरकार किसानों पर अत्याचार कर रही है। गुरनाम सिंह चढूनी  ने यह भी रेखांकित किया कि जब भी लाठीचार्ज की स्थिति उत्पन्न होती है तो प्रोटोकॉल के अनुसार कंधों के नीचे लाठी चार्ज की जाती है। बीकेयू अध्यक्ष ने कहा, "यहां किसानों के सिर पर हमला किया गया, जिससे कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए और उनमें से एक की मौत भी हो गई।"

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Published August 31st, 2021 at 08:02 IST

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