Updated August 31st, 2021 at 07:26 IST
अफगानिस्तान में अमेरिका का सबसे लंबा युद्ध समाप्त, लौटे गए बचे हुए सैनिक; मुल्क में आतंकवाद अभी भी बड़े पैमाने पर
अफगानिस्तान में अमेरिका का सबसे लंबा युद्ध समाप्त हो गया है। अमेरिका ने सोमवार की रात अपने 20 साल लंबी लड़ाई को पूर्ण विराम दे दिया।
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अफगानिस्तान में अमेरिका का सबसे लंबा युद्ध समाप्त हो गया है। अमेरिका ने सोमवार की रात अपने 20 साल लंबी लड़ाई को पूर्ण विराम दे दिया और अपने बचे हुए सैनिकों को वापस बुला लिया। राष्ट्रपति जो बाइडेन की मंगलवार की समय सीमा से कुछ घंटे पहले अमेरिका ने अपने अभियान का अंत कर दिया और सैनिकों को लेकर आखिरी तीन विमानों ने सोमवार देर रात काबुल एयरपोर्ट से उड़ान भरी। इसी के साथ अमेरिका ने अफगानिस्तान में अपनी राजनयिक उपस्थिति को भी खत्म किया। अब उसके दो दशक पुराने अभियान के आधिकारिक तौर पर खत्म होने का ऐलान हो चुका है। उधर, अमेरिका की वापसी के बाद तालिबान ने मुल्क में अपनी दूसरी पारी के आगाज की तैयारी शुरू कर दी है।
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अमेरिका के रक्षा विभाग ने अफगानिस्तान से आखिरी सैनिक के लौटने की तस्वीर साझा करते हुए अपने मिशन को खत्म किए जाने का ऐलान किया। अमेरिकी रक्षा विभाग ने ट्वीट किया, 'अफगानिस्तान छोड़ने वाले अंतिम अमेरिकी सैनिक- मेजर जनरल क्रिस डोनह्यू, 30 अगस्त को सी-17 विमान में सवार हुए, जो काबुल में अमेरिकी मिशन के अंत का प्रतीक है।'
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने ऐलान करते हुए कहा, 'आज की स्थिति में हमने काबुल में अपनी राजनयिक उपस्थिति को निलंबित कर दिया है और अपने कार्यों को दोहा, कतर में स्थानांतरित कर दिया है। हम अफगानिस्तान के साथ अपनी कूटनीति का प्रबंधन करने के लिए दोहा में पोस्ट का उपयोग करेंगे। अमेरिकी सैन्य उड़ानें समाप्त हो गई हैं और हमारे सैनिक अफगानिस्तान से चले गए हैं।'
उन्होंने यह भी कहा कि, 'अमेरिका सरकार के माध्यम से नहीं, बल्कि संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों और गैर सरकारी संगठनों जैसे स्वतंत्र संगठनों के माध्यम से अफगान लोगों को मानवीय सहायता का समर्थन करना जारी रखेगा। हम उम्मीद करते हैं कि तालिबान या किसी के द्वारा उन प्रयासों को बाधित नहीं किया जाएगा।'
अफगानिस्तान के अंदर से लोगों को एयरलिफ्ट करने के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने 31 अगस्त की समय सीमा तय की थी। अमेरिका पहले ही अफगानिस्तान से अपने दूतावास, नागरिकों के अलावा सभी स्थानीय अफगानिस्तानी कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों को सुरक्षित निकाल चुका है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रविवार तक कुल 2,800 अफगानिस्तानी काबुल एयरपोर्ट से अमेरिका रवाना हो चुके हैं।
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उधर, अमेरिका के लौटने के बाद तालिबान जश्न मनाने लगा है। आज से अफगानिस्तान में दोबारा तालिबानी राज शुरू होगा। दो दशक के बाद तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा किया है। अफगानिस्तान में तालिबान के आगमन से लोग भयभीत हैं। बहुत से लोग मुल्क छोड़कर दूसरे देशों की शरण में चले गए हैं तो बाकी बचे अफगानी नागरिक अब तालिबानी क्रूरता झेलने के लिए मजबूर हैं।
अफगानिस्तान में आतंकवाद बड़े पैमाने पर मौजूद
अमेरिका 2001 में अफगानिस्तान के अंदर आतंकवाद को खत्म करने आया था। वर्ल्ड ट्रेड सेंटर और पेंटागन के ट्विन टावर्स पर आतंकी हमलों के बाद अमेरिका ने लड़ाई छेड़ी थी। लेकिन 20 साल बाद अमेरिका लौट चुका है और अभी भी मुल्क में आतंकवाद बड़े पैमाने पर मौजूद है। तालिबान को छोड़ दें तो अफगानिस्तान में अभी भी अलकायदा, IS खुरासान और हक्कानी नेटवर्क जैसे आतंकी संगठन मौजूद हैं। हाल ही में काबुल एयरपोर्ट पर IS खुरासान के धमाकों में 13 अमेरिकी सैनिक शहीद हुए थेे। कुल 95 लोगों की मौत हुई। अब आने वाले दिनों में आतंकवादी संगठनों की सक्रियता और जोर पकड़ेगी, ये तय माना जा रहा है।
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Published August 31st, 2021 at 07:20 IST
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