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Updated January 12th, 2019 at 13:59 IST

'बहनजी' से हाथ मिलाकर बोले अखिलेश ''मायावती जी का अपमान मेरा अपमान है''... BJP के खिलाफ उगला ज़हर

इस दौरान मायावती को प्रधानमंत्री बनाने के सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा ,'' यूपी ने हमेशा पीएम दिया है. हमें खुशी होगी की यूपी से फिर एक प्रधानमंत्री बने .''  

Reported by: Ayush Sinha
| Image:self
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साल 2019 के चुनाव को देखते हुए उत्तर प्रदेश के राजनीति में पहला सियासी ट्रेलर रिलीज हो चुका है. राजनीति में धुर विरोधी मायावती और अखिलेश यादव ने आज आधिकारिक तौर पर देश के सामने हाथ मिला लिया है. चुनाव से ठीक पहले बुआ-भतीजे के नाम से प्रख्यात दोनों नेताओं के साथ आने से सियासी सरगर्मी तेज हो गई है.

माया-अखिलेश ने उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में 38-38 सीट यानी बराबरी पर ताल ठोकने का ऐलान किया है. इस बीच अखिलेश यादव ने मायावती की तारीफ में काफी लंबे पुल बांधे. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन लखनऊ के गोमती नगर स्थित होटल ताज में हुआ. 

इस दौरान मायावती को प्रधानमंत्री बनाने के सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा ,'' यूपी ने हमेशा पीएम दिया है. हमें खुशी होगी की यूपी से फिर एक प्रधानमंत्री बने .''  

अखिलेश यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आपना संबोधन की शुरुआत शालीन अंदाज में किया और फिर बीजेपी पर जमकर बरसे. यादव ने कहा,  ''मैं सबसे पहले आदरणीय मायावती जी का बहुत बहुत धन्यवाद देना चाहता हूं. साथ ही साथ बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी का जो गठबंधन आपने स्वीकार किया है. उसके लिए भी मैं बहुत-बहुत बधाई और मुबारकबाद देता हूं.''

BJP पर हमलावर होते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा शासन के पिछले पांच सालों में पूरे देश में गरीबों, मजदूरों, किसानों, छोटे उद्योगों, दुकानदारों, नौजवानों, दलित पिछड़ों, महिलाओं और यहां तक कि बच्चियों पर जितना अन्याय और अत्याचार हुआ है उसकी कल्पना करना भी मुश्किल है. 

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उन्होंने कहा कि भगवान राम और भगवान कृष्ण की जन्मभूमि पर उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार ने इतना अत्याचतार किया है कि स्वयं भगवान को भी असहनीय पीड़ा हुई होगी. केंद्र और उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने देश और समाज को एक सूत्र में बांधने के बजाय समाज में नफरत का वातावरण बनाया है. लोगों में भाईचारा बढ़ाने के बजाय लोगों को जाति-पाति के नाम पर बांटने का काम किया है.

''उत्तर प्रदेश में जाति और धर्म को देखकर बेकसूर लोगों के एनकाउंटर किए जा रहे हैं. अस्पताल में इलाज शुरू करने से पहले मरीजों की जाति पूछी जा ही है. थानों में रिपोर्ट लिखने से पहले फरियादी की जाति पूछी जा रही है. यहां तक कि दुर्घटना में घायल व्यक्ति को सहायता देने से पहले भी उसकी जाति पूछी जा रही है. और अब तो स्थिति यहां तक आ गई है कि भाजपा के नेताओं ने भगवानों को भी जातियों में बांटना शुरू कर दिया है.''

अखिलेश ने कहा कि अपनी नाकामियां, अपनी विफलताओं और असली मुद्दों से जनता का ध्यान हटाने के लिए भाजपा द्वारा देश और उत्तर प्रदेश में धार्मिक उन्माद बनाकर भय और आतंक का वातावरण बनाया जा रहा है. गरीबों की बहु बेटियों की इज्जत को सरेआम बेआबरू किया जा रहा है. 

उन्होंने कहा कि उचित इलाज ना मिलले ने कारण गरीबों के हजारों बच्चे सरकारी अस्पतालों में मर रहे हैं. खाना ना मिलने के कारण करोड़ों लोग रात में भूखा सोने को मजबूर हैं. पूरे देश में अराजकता का वातावरण है. अन्याय और अत्याचार के कारण शरीफ लोगों का जीना मुश्किल हो रहा है. केंद्र सरकार की गलत नीतियों के कारण गरीब किसान हर रोज आत्महत्या कर रहे हैं. 

यादव ने कहा, ''देश के नौजवान भाजपा के झूठे वादों से आहात और निराश होकर बेरोजगारी के कारण आत्महत्या कर रहे हैं. भाजपा सरकार बड़े-बड़े उद्योगपतियों को खुश करने के लिए उनके बड़े-बड़े लोन माफ कर रही है. इतना ही नहीं हीरे के उद्योगपतियों की सुविधा के लिए अहमदाबाद से मुंबई के बीच बुटेल ट्रेन को जल्द से जल्द चालू करने के प्रयास किए जा रहे हैं. उत्तरप्रदेश से समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी मिलकर के भाजपा का सफाया करेंगे.''

गठबंधन की वजह पर क्या बोले अखिलेश...

''मेरे अंतरमन में बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के गठबंधन की नींव उसी दिन से बैठ गई थी जिस दिन से सत्ता के नशे में चूर भाजपा के नेताओं ने आदरणीय मायावती जी पर अशोभनीय टिप्पणी करने का सिलसिला शुरू किया था. भाजपा के अहंकार को खत्म करने के लिए BSP और SP का मिलना बहुत जरूरी था. मैं आदरणीय मायावती जी का धन्यवाद करूंगा कि कम से कम एक दूसरे का बराबर का सम्मान करने का काम किया.''

''मायावती जी का सम्मान मेरा सम्मान है, उनका अपमान मेरा अपमान है''

पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि आज से समाजवादी पार्टी का प्रत्येक कार्यकर्ता इस बात को गांठ बांध ले कि आदरणीय मायावती जी का सम्मान मेरा सम्मान है और अगर भाजपा का कोई भी नेता आदरणीय मायावती जी का अपमान करता है तो समझ लेना कि वो अपमान आदरणीय मायावती जी का नहीं बल्कि मेरा अपमान है. 

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Published January 12th, 2019 at 13:43 IST

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