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Updated November 8th, 2018 at 21:16 IST

महाराष्ट्र: लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस-NCP के बीच गठबंधन लगभग तय

महराष्ट्र के लोकसभा सीटों पर कांग्रेस-NCP में करीब 40 सीटों पर सहमती बन गई है.

Reported by: Dinesh Mourya
| Image:self
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भारतीय जनता पार्टी को आगामी लोकसभा चुनाव में धूल चटाने के लिए कांग्रेस पार्टी महागठबंधन बनाने की कोशिश कर रही है. कांग्रेस को इस बात का अहसास हो गया है कि मौजूदा स्थिति में वो बीजेपी को अकेले अपने दम पर हरा नहीं सकती है. शायद यही वजह है कि अब कांग्रेस हर राज्य में वहां के स्थानीय मजबूत दल के साथ हाथ मिला रही है.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की मुख्य प्राथमिकताओं में से एक महराष्ट्र राज्य है क्योंकि साल 2014 तक महाराष्ट्र कांग्रेस पार्टी का गढ़ माना जा रहा था. लेकिन 2014 की मोदी लहर में महाराष्ट्र से कांग्रेस का सुपडा साफ हो गया. लोकसभा की सीटों के आधार पर उत्तरप्रदेश के बाद महाराष्ट्र दूसरा सबसे बड़ा राज्य है जहां कुल 48 सीटें हैं. कांग्रेस और एनसीपी गठबंधन को लेकर पिछले कई महीनों से एक-दूसरे के संपर्क में हैं. दोनों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर कई बार बातचीत भी हो चुकी है. दूरियां भी पूरी तरह से मिट चुकी हैं. सीटों की बातचीत में शामिल कांग्रेस नेता ने रिपब्लिक टीवी से इस बात की पुष्टि की है कि दोनो ही दलों में करीब 40 सीटों पर सहमती बन गई है. बचे हुए 8 सीटों को लेकर बातचीत चल रही है.

कुछ रिपोर्टस के मुताबिक, NCP सीटों के बंटवारे में आधी यानी 24-24 सीटें चाहती थी कांग्रेस इसके लिए राजी नहीं थी. लेकिन महाराष्ट्र कांग्रेस के वरीष्ठ नेता नसीम खान ने रिपब्लिक टीवी से कहा है कि दोनों पार्टियों के बीच कोई मतभेद नहीं है. सभी मुद्दों को सहमती से सुलझा लिया गया है. हमारा एक ही मकसद है कि बीजेपी को हराया जाए और इसलिए पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने आदेश दिया है कि सभी एक विचार वाले दलों को एक साथ लाया जाए.

NCP के अलावा कांग्रेस अन्य 7 से 8 छोटे दलों के साथ भी बातचीत कर रही हैं. प्रकाश अंबेडकर के साथ भी बातचीत चल रही है. 15 नवंबर को कांग्रेस की तरफ से लोकसभा की सभी सीटों का रिव्यू लेने के लिए 3 दिनों की बैठक की शुरुआत होगी. नसीम खान के मुताबिक सभी संभावित गठबंधन दलों के साथ हर मुद्दे का हल निकाल लिया गया हैं. अब सिर्फ कुछ सीटों की अदलाबदली पर चर्चा हो सकती हैं.

कांग्रेस NCP के बीच सीटों के बंटवारे पर सहमती बन जाने से बीजेपी की चिंता बढ़ गई है. दरअसल शिवसेना ने पहले ही ऐलान कर दिया हैं की वो आगामी चुनाव अकेले ही लडेगी. ऐसे में ये लाजमी है कि आगामी चुनाव में शिवसेना और बीजेपी के परंपरागत हिंदू वोटबैंक में जमकर बंटवारा होगा. जिसका सीधा फायदा कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन को होगा. बीजेपी की परेशानी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता हैं कि खुद सीएम देवेंद्र फडणवीस सार्वजनिक तौर पर कह चुके हैं की शिवसेना और बीजेपी के अकेले लड़ने से दोनों दलों को नुकसान होगा.

बीजेपी में मची खलबली पर चुटकी लेते हुए नसीम खान ने कहा है कि बीजेपी ने इस देश के सभी संस्थाओं की स्वायत्ता को नष्ट कर दिया है. अल्पसंख्यक खुद को असुरक्षित महसूस कर रहें हैं और इसलिए इस देश के संविधान को बीजेपी से बचाने के लिए महागठबंधन बनाया जा रहा है. इस महीने के अंत तक सीटों के बंटवारे का अंतिम आंकड़ा सबसे सामने रखा जा सकता है.

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Published November 8th, 2018 at 21:16 IST

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