Updated February 19th, 2019 at 13:21 IST
"कई गाजी आए, कई गाजी गए, उन्हें हीरो न बनाया जाए, हम उन्हें खत्म कर देंगे"- सेना का आतंकियों को कड़ा संदेश
पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आतंकवादी हमले में सरआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।
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सेना ने कहा है कि पुलवामा आतंकवादी हमले की साजिश जैश-ए-मोहम्मद तथा पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने रची थी और बंदूक उठाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। हमले के पांच दिन बाद सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को यह बात कही।
पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आतंकवादी हमले में सरआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। चिनार कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल के जे एस ढिल्लन ने कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक एस पी पाणि और सीआरपीएफ के महानिरीक्षक जुल्फिकार हसन के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में यह बात कही।
ढिल्लन ने कहा कि उन्होंने सभी कश्मीरी आतंकवादियों की माताओं से कहा है कि वे अपने बेटों को आत्मसमर्पण करने के लिए तैयार करें। अधिकारी ने कहा, ‘‘बंदूक उठाने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।’’
उन्होंने आगे कहा कि मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि 100 घंटे से भी कम समय में, हमने पाकिस्तान द्वारा भेजे गई जैश की टॉप लीडरशिप को कुचल दिया।
ढिल्लन के अनुसार सुरक्षाबल 14 फरवरी को हुए हमले के बाद से ही जैश के शीर्ष आकाओं का पता लगा रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘ हमने पुलवामा हमले को अंजाम देने वाले शीर्ष कमांडर को ढेर कर दिया है।’’ ढिल्लन ने आगे कहा कि 17 घंटे से अधिक समय तक चली (पुलवामा) मुठभेड़ के दौरान एक भी नागरिक घायल नहीं हुआ था।
जिसके बाद जैश के आंतकी के ढेर करने को लेकर उन्होंने कहा कि मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि 100 घंटे से भी कम समय में, हमने पाकिस्तान द्वारा भेजे गई जैश की टॉप लीडरशिप को कुचल दिया।
पुलवामा जिले के पिंगलान क्षेत्र में सोमवार को 16 घंटे तक चली मुठभेड़ में जैश के तीन आतंकवादी ढेर कर दिए गए। वहीं, सेना का एक मेजर और पांच अन्य लोग भी मुठभेड़ में शहीद हो गए थे। मुठभेड़ 14 फरवरी को हुए हमले की जगह से करीब 12 किलोमीटर दूर हुई थी।
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Published February 19th, 2019 at 13:21 IST
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