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Updated September 12th, 2018 at 11:15 IST

AMU ने छात्रों के लिए जारी की एडवाइजरी, शॉर्ट्स- चप्पल पहनकर हॉस्टल से बाहर जाने पर रोक..

प्रोवोस्ट ने इस पत्र के सभी 12 बिंदुओं का ध्यान रखने का सुझाव छात्रों को दिया है. यह खत सामने आने के बाद इसकी व्यापक चर्चा शुरू हो गई है.

Reported by: Neeraj Chouhan
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (फोटो: पीटीआई)
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (फोटो: पीटीआई) | Image:self
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अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) ने सर शाह सुलेमान हॉल में अपने पुरुष छात्रों को छात्रावास से शॉर्ट्स और चप्पलों में अपने छात्रावास से बाहर ना आने के लिए कहा है और उनसे महत्वपूर्ण अवसरों और विश्वविद्यालय के कार्यक्रमों के दौरान काली शेरवानी या कुर्ता-पायजामा पहनने के लिए भी जोर देकर कहा गया है. इस बात को हाइलाइट करते हुए कि फ्रेशर्स विश्वविद्यालयों के आवासीय जीवन में " अभिशप्त" गतिविधियों में शामिल हैं, प्रशासन ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय​​​​​​​ की "मूल परंपराओं" को ध्यान में रखते हुए यह एडवाइजरी जारी की है.

प्रशासन द्वारा जारी की गई इस एडवाइजरी में लिखा गया, "उचित ड्रेस में ही कोई छात्र अपने छात्रावास से बाहर निकलें. यहीं नहीं कोई भी हॉल परिसर से कुर्ता- पजामा और चप्पलों में बाहर नहीं जाएगा. यह नियम भोजन के कमरे, कॉमन रुम और पढ़ने के कमरे के लिए भी लागू होते हैं. बरमुडा, शॉर्ट्स और चप्पल पहनने पर सख्ती से मनही हैं. सभी महत्वपूर्ण अवसरों और विश्वविद्यालय कार्यक्रमों पर ब्लैक शेरवानी या कुर्ता पायजामा पहना जाना चाहिए.

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  • एडवाइजरी में आगे अन्य "परंपराओं" को भी शामिल हैं:
  • डाइनिंग हॉल एटेनडर को "मीया" या "भाई" के रूप में बुलाएं
  • हॉस्टल में साथ रहने वाले को  "पॉर्टनर" के रूप में बुलाएं
  • जब सीनियर छात्र और जूनियर छात्र एक साथ खा रहे हैं तो एक सीनियर द्वारा बिल का भुगतान किया जाए​​​​​​​
  • किसी के कमरे में प्रवेश करने से पहले दरवाजे पर खटखटाएं  और जवाब का इंतजार करें . साथी निवासियों के साथ घर से लाया भोजन साझा करना

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सर शाह सुलेमान हॉल अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के निवास के सबसे पुराने हॉल में से एक है . यह लगभग 650 स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों के साथ-साथ जैकीर हुसैन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के शोध विद्वानों को भी समायोजित करता है.

प्रोवोस्ट ने इस पत्र के सभी 12 बिंदुओं का ध्यान रखने का सुझाव छात्रों को दिया है. यह खत सामने आने के बाद इसकी व्यापक चर्चा शुरू हो गई है. इसे छात्रों के अधिकार एवं पसंद पर कुठाराघात के रूप में देखा जा रहा है​​​​​​​.

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Published September 12th, 2018 at 11:15 IST

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