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Updated March 12th, 2021 at 09:17 IST

क्वाड देशों के प्रमुख नेताओं की आज पहली बैठक, चीन के बढ़ते दखल के बीच सहयोग बढ़ाने पर होगी चर्चा

खास बात है कि इस बैठक में मोदी और बाइडन दोनों मौजूद रहेंगे। हालांकि, इसे लेकर अभी तक कोई खबर नहीं है कि दोनों...

Reported by: Neeraj Chouhan
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हिकेड़ी दिखाने वाले चीन पर लगाम लगाने के लिए आज विश्व के चार शक्तिशाली देशों के बीच में बैठक होने जी रही है। बता दें, भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के शीर्ष नेता क्वाड ग्रुप के पहले शिखर सम्मेलन में शिरकत करेंगे, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन हिस्सा लेंगे और चीन के खिलाफ नई रणनीति बनाएंगे। 

चारों लीडर वर्चुअल तरीके से इस चर्चा में शामिल होंगे, ऐसे कयास लगाएं जा रहे हैं कि इस मीटिंग दौरान सिक्योरिटी की स्थिति से लेकर आर्थिक सहयोग और पर्यावरण पर संकट को लेकर चारों देशों में बातचीत होने अनुमान है। अमेरिकी प्रशासन के एक अधिकारी के मुताबिक भारत में कोरोना वायरस वैक्सीन के उत्पादन को बढ़ाने के लिए आर्थिक व्यवस्था की घोषणा कर सकता है।

यह भी पढ़ें - QUAD बैठक से पहले दिखी चीन की बौखलाहट, भारत समेत 4 देश ले रहे हैं हिस्सा

खास बात है कि इस बैठक में मोदी और बाइडन दोनों मौजूद रहेंगे। हालांकि, इसे लेकर अभी तक कोई खबर नहीं है कि दोनों प्रमुखों के बीच अलग से बैठक होगी या नहीं। बाइडेन के अमेरिका के नए राष्ट्रपति बनने के बाद पीएम मोदी की पहली मुलाक़ात होगी, वहीं इस बैठक को लेकर चीन बौखलाया हुआ है। आज होने वाली मीटिंग को लकेर चीन ने भी प्रतिक्रिया दी है, चीन का कहना है कि उसे उम्मीद है कि यह चर्चा क्षेत्र में शांति स्थापित करने के लिए होगी, न कि इसके विरोध में है। 

दरअसल क्वाड सिक्योरिटी डायलॉग के चार सदस्य देश, यानी भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान क्षेत्र में बढ़ते चीन के असर को रोकने के लिए एक मंच पर साथ आये हैं और भारत इस मंच का एक अहम सदस्य है। यही वजह है इस बैठक के शुरु होने से पहले ही चीन तिलमिलिया हुआ है। 
चीन के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए इशारों -इशारों में क्वाड देशों को चेताया है। मंत्रालय ने कहा कि हम ऐसा उम्मीद कर रहे है कि क्वाड ग्रुप से जुड़े देश इस बात को ध्यान में रखेंगे कि क्षेत्रीय देशों के समान हितों में खुलेपन, समावेशीकरण और लाभकारी सहयोग के सिद्धांतों को नहीं छेडा जाएगा।

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Published March 12th, 2021 at 08:45 IST

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