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Updated March 11th, 2021 at 12:43 IST

QUAD बैठक से पहले दिखी चीन की बौखलाहट, भारत समेत 4 देश ले रहे हैं हिस्सा

क्वॉड के डर से चीन में खौफ का आलम ये है कि अब वो शांति और स्थिरता का राग अलाप रहा है।

Reported by: Neeraj Chouhan
| Image:self
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चालबाज चीन पर नकेल कसने के लिए भारत ने चौतरफा घेराबंदी कर रखी है और अब इस घेराबंदी की मजबूत दीवार को और फैलादी बनाएंगे क्वॉड के सुपर पावर देश। दरअसल चीन को चारों खाने चित करने के लिए भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के नेता शुक्रवार को पहले क्वॉड सम्मेलन में चर्चा करेंगे, जिससे चीन में खलबली मची हुई है।

क्वॉड के डर से चीन में खौफ का आलम ये है कि अब वो शांति और स्थिरता का राग अलाप रहा है। चीन ने उम्मीद जताई है कि चारों देश ऐसी चीजें करेंगे, जो क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए हितकारी हों, ना कि ‘प्रतिकूल’।

आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और जापानी पीएम योशिहिदे सुगा डिजिटल माध्यम से आयोजित होने वाले क्वाड सम्मेलन में भाग लेने वाले हैं, ये क्वॉड गठबंधन के शीर्ष नेताओं का पहला सम्मेलन है। जिसे चीन की बढ़ती चुनौती से निपटने के लिए बनाया गया है।

लेकिन अब क्वॉड मीटिंग से चीन को ऐसी मिर्ची लगी है कि उसके विदेश मंत्रालय ने भारत-जापान की बातचीत को ‘Uncomfortable signal to China' बता दिया।  क्वॉड के नेताओं के पहले सम्मेलन पर चीन के विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया ड्रैगन के खौफ को साफ दर्शाता है। 

चीनी विदेश मंत्रालय का कहना है कि 'हमें उम्मीद है कि संबंधित देश इस बात को दिमाग में रखेंगे कि क्षेत्रीय देशों के समान हितों में खुलेपन, समावेशीकरण और लाभकारी सहयोग के सिद्धांतों को बरकरार रखा जाए  और ऐसी चीजें की जाएं जो विरोधाभासी होने के बजाय क्षेत्रीय शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए हितकारी हों।' 

बहरहाल, क्वॉड के चारों सदस्य देशों ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एक नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बनाए रखने का संकल्प जताया है। इसीलिए क्वॉड देशों की होने वाली ये मीटिंग इस मायने में बेहद अहम है, इसमें भारत-प्रशांत क्षेत्र में चीन के खिलाफ रणनीति बनेगी। और चीन की दादागीरी पर लगाम कसी जाएगी

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Published March 11th, 2021 at 08:49 IST

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