Updated March 13th, 2021 at 11:57 IST
राजस्थान में एक बार फिर गहलोत और पायलट गुट के बीच खिंची तलवारें, 3 विधायकों ने दी इस्तीफा की चेतावनी
कांग्रेस पार्टी के 2 एसटी और एक एससी विधायक ने गहलोत सरकार पर एससी एसटी विरोधी होने का आरोप लगाया है।
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राजस्थान में गहलोत सरकार के लिए एक बार फिर मुसीबत बढ़ गई है। कांग्रेसी नेता सचिन पायलट गुट के 3 विधायक गहलोत सरकार से नाखुश हैं और इस्तीफा देने की चेतावनी दी है। दरअसल राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर सियासी उठापटक शुरू हो गई है, कुछ दिन की खामोशी के बाद सचिन पायलट गुट ने एक बार फिर गहलोत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का मन बना लिया है।
कांग्रेस पार्टी के 2 एसटी और एक एससी विधायक ने गहलोत सरकार पर एससी एसटी विरोधी होने का आरोप लगाया है। यही नहीं पार्टी के सीनिय़र विधायक रमेश मीणा ने चेतावनी दी है कि अगर सुनवाई नहीं हुई तो वे इस्तीफा दे देंगे। रमेश मीणा ने आरोप लगाया कि गहलोत राज में एससी,एसटी और माइनॉरिटी विधायकों की अनदेखी हो रही है।
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मीणा ने शिकायत के लिए राहुल गांधी से मिलने का समय़ भी मांगा है, रमेश मीणा के अलावा मुरारी लाल मीणा और वेद प्रकाश सोलंकी भी गहलोत सरकार से नाखुश हैं। पायलट गुट के सीनियर विधायक रमेश मीणा का आरोप है कि दलित विधायकों को सदन में ऐसी सीटें दी जा रही हैं, जिन पर माइक नहीं हैं, वे भष्ट्राचार का एक मामला विधानसभा में उठाना चाहते थे। लेकिन उन्हें रोकने के लिए ऐसी सीट आंवटित की गई जिस पर माइक ही नहीं थी, मीणा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर परोक्षा हमला बोला और कहा कि पार्टी के दलित विधायकों के साथ सदन में सौतेला व्यवहार हो रहा है।
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इस बीच बीजेपी ने भी सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच बढ़ती गुटबाजी को लेकर निशाना साधा और कहा कि ये चिंगारी है जो कभी भी भड़क सकती है। बहराहल पायलट गुट के विधायकों के आरोप के बाद साफ नजर आ रहा है कि अविश्वास की दरार कम होने के बजाय बढ़ रही है, कहीं ऐसा ना हो कि गहलोत सरकार के खिलाफ जो चिंगारी इस बार भड़की वो बाद में शोला बन जाए।
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Published March 13th, 2021 at 09:03 IST