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Updated January 8th, 2019 at 16:34 IST

VIDEO: आरक्षण विवाद में कूदे आजम खान, बोले- EWS कोटे के तहत मुसलमानों को मिले 5% आरक्षण...

इसी बीच समाजवादी पार्टी ने वरिष्ठ नेता आजम खान ने एक बार फिर बहस को एक दूसरा रंग देने की कोशिश करते हुए नजर आएं.

Reported by: Neeraj Chouhan
Azam Khan. PTI photo.
Azam Khan. PTI photo. | Image:self
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चुनावी साल में मोदी सरकार द्वारा बड़ा फैसला लेते हुए गैर आरक्षित वर्ग को आर्थिक आधार पर शिक्षा एवं सरकारी नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण सुनिश्चित करने वाला संविधान 124वां संशोधन विधेयक का लाने का ऐलान करने के बाद से ही राजनीतिक गलियारों में उथल पुथल मची हुई है. ज्यादातार राजनीतिक दलों ने दबी जुबान में सही, सरकार के फैसले की की टाइमिंग पर सवाल खड़ा कर रह हैं. बता दें, मंगलवार को इस विधेयक को लोकसभा सदन में रखा गया, जिस पर अभी बहस होना बाकी है.

इसी बीच समाजवादी पार्टी ने वरिष्ठ नेता आजम खान ने एक बार फिर बहस को एक दूसरा रंग देने की कोशिश करते हुए नजर आएं.

उन्होंने कहा कि संसद में एक संवैधानिक संसोधन पेश होने वाला है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कई बार ये साफ किया है कि सिर्फ आर्थिक आधार पर आरक्षण नहीं दिया जा सकता.

आजम खान ने आगे कहा कि हमारा यहां मानना है कि अगर हमारी बात को हलके से लिया गया तो जिस तरह मध्यप्रदेश, राज्यस्थान  , महाराष्ट्र में लोगों सड़कों पर आकर अपना हक मनवाया है. कहीं ऐसा ना हो कि देश की दूसरी आबादी जिन्हें हम मुसलमान कहते हैं और सच्चर कमीशन जिसे संसद ने भी बनाया था, जिस अब से तकरीबन दस साल पहले संसद में पेश हुई, उसमें साफ था कि देश में दलितों से बुरा हाल मुस्लिमों का है.

उन्होंने मुसलमानों के लिए आरक्षण कि मांग करते हुए कहा कि इसलिए हमनें मांग कि थी कि हमें दलितों की श्रेणी में डाल दिया जाए ताकि मुस्लमानों को वो साहूलियतें मिल जाएं जो दलितों को मिलती हैं.  लेकिन राजनीतिक कारणों से नहीं हुआ, लेकिन अब ऐसा वक्त है कि जो आरक्षण होने जा रहा हैं उसके लिए सबसे ज्यादा हम ही फिट होते हैं, क्योंकि जिन लोगों को आरक्षण दिया जा रहा है उन लोगों के पास सामाजिक पिछड़ापन नहीं है आर्थिक है.

लोकसभा भी हुआ विधेयक पेश

केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने संविधान (124 वां संशोधन) विधेयक, 2019 पेश किया. विधेयक पेश किए जाने के दौरान समाजवादी पार्टी के कुछ सदस्य अपनी बात रखना चाह रहे थे लेकिन लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने इसकी अनुमति नहीं दी.

2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव का काउंट डाउन शुरू हो चुका है. लोकसभा चुनाव को देखते हुए सभी पार्टियां अपने-अपने दांव पेंच आजमाने में जुटे हुए हैं. वहीं केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सोमवार को ही इसे मंजूरी प्रदान की थी. केंद्र की मोदी सरकार की कैबिनेट बैठक में सोमवार को लिए गए इस फैसला को ऐतिहासिक बताया जा रहा है.

बदल जाएगी आरक्षण की सीमा...

बता दें, मोदी कैबिनेट में फैसला लिया गया है कि सरकार आरक्षण का कोटा बढ़ाएगी. इस फैसले के साथ ही आरक्षण का कोटा 50 फीसदी से बढ़कर 60 फीसदी हो जाएगी. ये आरक्षण का दायरा सरकार संविधान संशोधन के जरिए बढ़ाएगी. 

गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सामान्य श्रेणी में आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लिए नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में 10 प्रतिशत आरक्षण को सोमवार को मंजूरी दी है.

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Published January 8th, 2019 at 16:34 IST

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