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Updated October 6th, 2018 at 10:58 IST

S-400 मिसाइल सिस्टम डील पर USA ने कहा - अमेरिकी प्रतिबंधों के मकसद रूस को दंडित करना है न कि सहयोगियों को

एस-400 करार के बाद अमेरिकी दूतावास ने कहा कि अमेरिकी प्रतिबंधों का मकसद रूस को दंडित करना है, न कि अपने सहयोगियों की सैन्य क्षमता को नुकसान पहुंचाना.

Reported by: Amit Bajpayee
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भारत और रूस के बीच एस-400 करार के बाद अमेरिकी दूतावास ने कहा कि अमेरिकी प्रतिबंधों का मकसद रूस को दंडित करना है, न कि अपने सहयोगियों की सैन्य क्षमता को नुकसान पहुंचाना.

भारत और रूस ने शुक्रवार को 5 अरब डालर के एस..400 वायु प्रतिरक्षा प्रणाली सौदे पर हस्ताक्षर किए.  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच विभिन्न मुद्दों पर व्यापक चर्चा के बाद इस सौदे पर हस्ताक्षर किये गए.  आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी .

इस समझौते पर प्रधानमंत्री मोदी और रूसी राष्ट्रपति पुतिन की मौजूदगी में हस्ताक्षर किये गए.

इस सौदे पर ऐसे समय में हस्ताक्षर किये गए हैं जब अमेरिका की ओर से रूस से हथियार खरीद पर ‘काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सैंक्शन एक्ट’ (सीएसएसटीएसए) के तहत प्रतिबंध लग सकता है.

लेकिन अब अमेरिकी दूतावास ने बयान जारी कर कहा कि अमेरिकी प्रतिबंधों का मकसद रूस को दंडित करना है, न (न) कि अपने सहयोगियों की सैन्य क्षमता को नुकसान पहुंचाना. 

अमेरिका ने अपने सहयोगियों से रूस के साथ लेनदेन नहीं करने का आग्रह किया है और चेताया है कि एस..400 मिसाइल प्रतिरक्षा प्रणाली जिसे भारत खरीदना चाहता है, वह मुख्य विषय होगा जिस पर दंडात्मक प्रतिबंध को अमल में लाया जा सकता है . 

अमेरिकी सांसदों ने इंगित किया है कि इस पर राष्ट्रपति की ओर से छूट मिलने की संभावना है .

भारत 4000 किलोमीटर लम्बी चीन..भारत सीमा के मद्देनजर अपनी सुरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने के लिये लम्बी दूरी तक मार करने वाली मिसाइल प्रणाली चाहता है.

एस..400 रूस की सबसे आधुनिक लम्बी दूरी तक मार करने वाली मिसाइल प्रतिरक्षा प्रणाली मानी जाती है .

400 किमी दूर टारगेट को खत्म करने की क्षमता ...

एस - 400 मिसाइल सिस्टम, एस - 300 का अपडेटेड वर्जन है. जमीन से हवा तक मार करने वाला यह सिस्टम दुश्मन देशों के लड़ाकू जहाजों , मिसाइलों और डोरन को पलक झपकते ही खत्म कर देगा. यह मिसाइल एयर डिफेंस सिस्टम मिसाइलों और पांचवी पीढ़ी के लड़ाकू विमानो को भी 400 किलोमीटर के दायरे में आते ही खत्म कर देगा. यहीं नहीं 36 न्यूकिल्यर पावर मिसाइलों को ए कसाथ खत्म करने की ताकत रखने वाला यह मिसाइल अमेरिका के सबसे ताक़तवर लड़ाकू विमान एफ - 35 को भी गिराने की क्षमता रखता है. चीन के बाद इस सिस्टम को खरीदने वाला दूसरा देश है भारत . 


एस -400 मिसाइल सिस्टम एक तरह से मिसाइल शील्ड का काम करेगा. यह पाकिस्तान और चीन की ऐटमी क्षमता वाली बालिस्टिक मिसाइलों से भारत को सुरक्षा देगा. यह मिसाइल अमेरिका के सबसे एडवांस्ड फाइटर जेट एफ-35 को भी गिरा सकता है. यह सिस्टम 36 परमाणु क्षमता वाली मिसाइलों को एक साथ जमीन पर पर गिरा सकता हैं.

(इनपुट - भाषा से भी )

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Published October 5th, 2018 at 17:46 IST

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