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Updated October 1st, 2018 at 20:04 IST

ये 'पांच' मामले योगी सरकार की कानून व्यवस्था पर गंभीरसवाल उठाते हैं ..

मार्च 2017 में लोगों ने काफी उम्मीदों से उत्तर प्रदेश में भारती जनता पार्टी को चुना था. अपार बहुमत पाकर पार्टी आलाकमान ने हिंदुत्व के चेहरे योगी आदित्यनाथ को CM पद के लिया चुना था.

Reported by: Gaurav Kumar
| Image:self
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मार्च 2017 में लोगों ने काफी उम्मीदों से उत्तर प्रदेश में भारती जनता पार्टी को चुना था. अपार बहुमत पाकर पार्टी आलाकमान ने हिंदुत्व के चेहरे योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री पद के लिया चुना था. प्रदेश बड़ा था इसलिए साथ में दो डिप्टी CM का भी ऐलान किया गया. मुख्यमंत्री बनते ही मंच से योगी आदित्यनाथ ने कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने की बात कही थी. दिन बीतते गए और प्रशासन की लापरवाही सानमे आती गई. अपराधों में वृद्धि भी होती चली गई. राज्य में महिलाओं के प्रति अपराध हो या फिर अपने अधिकारियों की लापरवाही सब सामने आता रहा और मुख्यमंत्री चुप बैठे रहे. 

BRD मेडिकल कॉलेज में बच्चों की मौत -

BRD मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी के कारण हुए 69 बच्चों की मौत को भला कौन भूल सकता है. इस घटना ने सबको सोचने पर मजबूर कर दिया था. ये घटना खुद योगी आदित्यनाथ से गढ़ में हुआ था और वहां पर ऐसी घटनाएं होना गंभीर प्रश्न खड़ा करता है.

जब योगी आदित्यनाथ के इलाके में ही इतनी बड़ी घटना होती है तो फिर अन्य इलाकों की बात ही छोड़ दिजिए. हादसे के बाद सीएम कहते हैं 'BRD मेडिकल कॉलेज की आंतरिक राजनीति की वजह से नवजात बच्चों की मौत हुई है.' 

उन्नाव रेप केस 

उन्नाव रेप केस एक ऐसा मामला था जब योगी आदित्यनाथ के विधायक पर ही रेप का आरोप लगा था. बता दें, कुलदीप सिंह सेंगर पर कथित रूप से एक लड़की के साथ बलात्कार करने का आरोप लगा था. अरोप लगने के बाद आरोपी विधायक पर केस दर्ज होना चाहिए था.. लेकिन कई दिनों तक ऐसा कुछ नहीं हुआ.

विधायक द्वारा पीड़िता को डराया जाता रहा उसके घरवालों को मुंह बंद रखने के लिए कहा गया. लेकिन जब मामला मीडिया में आया तब जाकर आरोपी विधायक पर केस दर्ज हुआ. कुलदीप सिंह सेंगर के भाई के द्वारा रेप पिड़िता के पिता को बुरी तरह से पिटा भी गया था. बाद में पीड़िता के पिता की मौत हो गई थी. 

हापुड़ लिंचिंग -

कथित गौ तस्करी मामले में 45 साल के शख्स की पीटने के कारण मौत हो गई थी. बता दें, अफवा थी कि हापुड़ के पास कुछ लोग अवैध रूप से गौ तस्करी कर रहे हैं. घटना पर मौजूद लोगों के द्वारा शख्स को बुरी तरह पिटा गया और उसका वीडियो भी बनाया गया था. जिसमें लोगों द्वारा उस पीड़ित से जबरदस्ती इस बात को मानने के लिए कहा जा रहा था कि वो गो-तस्करी कर रहा था.

बता दें, इस पूरे मामले में सुप्रीम कोर्ट को हस्तक्षेप करना पड़ा था. कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को फटकार लगाई थी और मेरठ के IG को जांच करने के आदेश सुनाते हुए रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा था.

ऐपल कंपनी के कर्मचारी की हत्या -

पूरा देश लखनऊ में हुए एनकांउटर से सन्न है. बिना सोचे समझे पुलिस के द्वारा मल्टीनेशनल कंपनी ऐपल के कर्मचारी पर गोली चलाने को लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस की चौतरफा निंदा भी हो रही है. इस पूरे घटना की एक मात्र चश्मदीद गवाह विवेक के साथ कार में मौजूद सना थी.

सना के मुताबिक शुक्रवार रात वो अपने सहयोगी विवेक तिवारी के साथ घर लौट रही थी, इसी बीच सामने से पुलिसवाले आए और उनकी कार को जबर्दस्ती रोकने लगे. सना कहती हैं, विवेक तिवारी सर ने सोचा कि पता नहीं कौन है जो इतनी रात को रोक रहा है और हम अकेले थे. इसके बाद पुलिस वालों ने सामने से अपनी बाइक हमारे गाड़ी के सामने लगा दी और हमें रोकने लगे. इसी बीच बाइक से उतरकर एक पुलिस वाले ने मेरी तरफ डंडे से वार किया और उनके (विवेक तिवारी) सर के ऊपर गोली चला देता है. 

उत्तर प्रदेश पुलिस ने मीडिया के सामने किया एनकाउंटर - 

उत्तर प्रदेश की पुलिस इन दिनों अपराधियों पर लगाम लगाने को लेकर एनकाउंटर भी कर रही है. लेकिन पुलिस के द्वारा किए गए एनकाउंटर पर कई बार सवाल भी उठ चुके हैं. 20 सितंबर की सुबह जब मुस्तकीम और नौशाद को पुलिस के द्वारा मारा गया तब योगी सरकार के ऊपर सवाल उठे. क्या CM योगी ने अपनी पुलिस को एनकाउंटर करनी की खुली छूट दे दी है? 

और हां मीडिया को बुलाकर भला कौन सा एनकाउंटर कर कर रही है पुलिस? वहीं सवाल उठ रहे हैं कि आप अपराधी को आत्मसमर्पण करने का समय क्यों नहीं दे रहे हैं? आप जबरदस्ती एनकाउंटर क्यों कर रहे हैं ?

क्या उत्तर प्रदेश वाकई योगी सरकार के नेतृत्व में बदल रहा है? आप कमेंट करके हमें जरूर बताए.. 

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Published October 1st, 2018 at 20:04 IST

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