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Updated March 15th, 2020 at 09:46 IST

राज्यसभा चुनावो से पहले कांग्रेस ने अपने गुजरात के 14 विधायकों को राजस्थान भेजा

 26 मार्च को 17 राज्यों की 55 सीटों पर राज्यसभा चुनाव हैं। जिसके लिए कांग्रेस ने अपनी रणनीति बदली है।

Reported by: Amit Bhardwaj
| Image:self
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मध्य प्रदेश कांग्रेस सरकार पर गहराए संकट के बाद अब गुजरात कांग्रेस भी भाजपा को कोई मौका नहीं देना चाहती है और इसीलिए राज्यसभा चुनावो से पहले कांग्रेस ने अपने गुजरात के 14 विधायकों को राजस्थान भेज दिया जो कि शाम की फ्लाइट से 14 मार्च को जयपुर पहुंचे। यह सभी विधायक जयपुर के कुक्स स्तिथ शिव विलाज़ में ठहरे हैं।
 गुजरात कांग्रेस ने एक बार फिर अपने विधायकों को खरीद फरोख्त के डर से गुजरात के बाहर भेजने की रणनीति अपनाई है। गुजरात में राज्यसभा चुनाव होने हैं और इस बीच कांग्रेस को डर है कि कहीं उसके विधायकों को खरीदा जा सकता है इसलिए गुजरात से 20 कांग्रेस विधायकों को राजस्थान  भेजा जा रहा है जिसकी पहली खेप में 14 विधायक जयपुर पहुंचे हैं और बाकी के विधायक भी राजस्थान के लिए निकलेंगे।

 26 मार्च को 17 राज्यों की 55 सीटों पर राज्यसभा चुनाव हैं। जिसके लिए कांग्रेस ने अपनी रणनीति बदली है। पिछली बार गुजरात में राज्यसभा चुनाव के समय कई कांग्रेस विधायकों ने भाजपा उम्मीदवारों को वोट कर दिया था और इस बार स्तिथि ऐसी है कि कांग्रेस का एक वोट भी खोना एक सीट खोने की नौबत ला सकता है इसलिए कांग्रेस कोई चांस न केते हुए भाजपा को किसी भी तरहं कांग्रेस को तोड़ने का मौका नही देना चाहती। 

कांग्रेस का मानना है कि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार मज़बूत है और यह एक अभेद क़िला है जिसे भाजपा नही भेद सकती इसीलिए जब भी कभी इनदिनों कांग्रेस पर संकट गहराता है तो वह अपने विधायकों को राजस्थान की राजधानी पिंक सिटी जयपुर भेज देती है। हालांकि भाजपा के दिग्गजों का मानना है कि वो वक़्त आने पर राजस्थान सरकार को भी गिरा सकते है क्योंकि राजस्थान में भी कांग्रेस में काफी गुट बाज़ी है और उनका दावा  है की राजस्थान में भी वो लोग वक्त आने पर सेंध लगा इस अभेदए किले को भी फतेह कर लेंगे क्योंकि उनके मुताबिक
राजस्थान कांग्रेस के भी कई विधायक पाला बदलने की तैयारी में हैं जो कि उनके संपर्क में है। लेकिन कांग्रेस लगातार यह दावा कर रही है की वक्त आने पर भाजपा के यह सभी दावे खोखले साबित होंगे। 

अब तक राजस्थान के जयपुर पहुंचने वाले गुजरात कांग्रेस 14 विधायक के नाम है।
1- ऋत्विज मकवाना -  चोटिला
2 - बडदेवजी ठाकोर - कलोल
3 - लाखाजी भरवाड़ - वीरमगाम  
4 - पूनम परमार - सोजित्रा से
5 - हर्षद रिबडिया - विसावदर
6 - चिराग कालारिअ - जाम जोधपुर
7 - राजेश गोहिल - धंधुका
8 - गनिबेन ठाकोर -  वाव
9 - चंदनजी ठाकोर -  सिद्धपुर
10 - नाथभाई पटेल - धानेरा
11 - हिम्मत सिंह पटेल - बापूनगर  
12 - अजीतसिंह चौहान - बालासिनोर
13 - इंद्रजीत ठाकोर - महुधा
14 - कांटी परमार - ठासरा

आपको बता दे कि विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पूरा मामला भाजपा के तीसरे उम्मीदवार को लेकर गरमाया है। गुजरात में राज्य सभा की 4 सीटें खाली हो रही हैं। बीजेपी ने राज्यसभा के लिए अपने तीन उम्मीदवार उतारे हैं जबकि कांग्रेस ने सिर्फ दो उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा है। ऐसे में चार राज्य सभा सीटों के लिए पांच प्रत्याशियों के ताल ठोकने से चुनाव कराने की नौबत हो गई है। 

गुजरात में जिन राज्यसभा सीटों पर चुनाव होना है उसमे विधायकों की संख्या बल के हिसाब से 2 सीटों पर भाजपा और 2 सीटों पर कांग्रेस सीधी जीत दर्ज करती नजर आ रही है।
इसमें राजस्थान में जैसे दो उम्मीदवार खड़े किए उसी तरह गुजरात में 3 उम्मीदवार खड़े कर दिए हैं ऐसे में कांग्रेस को क्रॉस वोटिंग का डर सताने लगा है।

गुजरात में कुल 182 सीट पर कांग्रेस के पास 73 विधायक हैं। निर्दलीय जिग्नेश मेवानी कांग्रेस के साथ हैं। बीजेपी के पास 103 विधायक हैं जबकि एनसीपी से एक और बीटीपी के 2 विधायक हैं। गुजरात विधानसभा सीटों के आधार पर एक कैंडिडेट को जीत के लिए 37 वोटों की जरूरत है। दो सीटें फिलहाल रिक्त हैं।
कांग्रेस को अपनी दो राज्यसभा सीटें जीतने के लिए भी 74 विधायकों का वोट चाहिए। वहीं भाजपा को अपनी तीनों राज्यसभा सीटों जीतने के लिए 111 विधायक चाहिए। ऐसे में भाजपा को एनसीपी और बीटीपी के साथ कांग्रेस के 5 विधायकों का वोट हासिल करना है।

भाजपा ने ऐसे ही 2017 में गुजरात की तीन राज्यसभा सीटों पर तीन कैंडिडेट उतारकर कांग्रेस के अहमद पटेल की चिंता को बढ़ा दिया था। अहमद पटेल को जीतने के लिए कांग्रेस विधायकों को कर्नाटक के रिजॉर्ट में रखना पड़ा था। इसके बाद भी कई कांग्रेसी विधायकों ने बीजेपी के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की थी। हालांकि काफी मशक्कत के बाद अहमद पटेल जीतने में कामयाब गए थे।

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Published March 15th, 2020 at 09:46 IST

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