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Updated January 8th, 2019 at 17:19 IST

अयोध्या विवाद : 10 जनवरी को होने वाली सुनवाई के लिए 5 जजों की बेंच का हुआ गठन

अयोध्या में विवादित जमीन के मामले में 10 जनवरी को होने वाली सुनवाई के लिए नई बेंच का गठन हो गया है.

Reported by: Ayush Sinha
| Image:self
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सैकड़ों साल पुराना वो केस जिस पर पूरे देश की निगाहें टिकी हैं. हर कोई टक-टकी लगाए बैठा है कि आखिर मंदिर-मस्जिद विवाद को लेकर देश की सर्वोच्च अदालत का अंतिम फैसला कब आएगा.  अयोध्या में विवादित जमीन के मामले में 10 जनवरी को होने वाली सुनवाई के लिए नई बेंच का गठन हो गया है.

मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर के इस बात की जानकारी दी है कि आगामी 10 जनवरी को होने वाली सुनवाई के लिए पांच जजों के पीठ की नियुक्ति हो गई है. इस बेंच में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, जस्टिस एस एस बोबड़े, जस्टिस एन वी रमन, जस्टिस उदय यू ललित और जस्टिस डी वाई चंद्रचूड शामिल हैं.

हर किसी को इस फैसले का बड़ी ही बेसब्री से इंतजार है क्योंकि हर कोई जानना चाहता है कि फैसले का झुकाव आखिरकार किसकी ओर होगा?

सुप्रीम कोर्ट की नोटिस के मुताबिक इस मसले को लेकर आगामी 10 जनवरी को सुनवाई सुबह साढ़े 10 बजे शुरू होगी. इस बेंच की अध्यक्षता मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई करेंगे.

केस के मद्देनज़र सुप्रीम कोर्ट में 10 जनवरी 2019 यानी गुरुवार को सुनवाई एक बार फिर शुरू होगी. लेकिन सुनवाई कब तक चलती है, सुनवाई में कल क्या होगा? इसे जानने के लिए हर कोई बेकरार है.

नई बेंच इलाहाबाद हाईकोर्ट के सितंबर 2010 के फैसले के खिलाफ दायर 14 अपीलों पर सुनवाई करेगी. इस मामले में पहले पूर्व चीफ जस्टिस दीपक मिश्ना की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय बेंच सुनवाई कर रही थी. 

हिंदु महासभा के वकील ने कहा जस्टिस दीपक मिश्ना के रिटार्यड होने के बाद एक रेगुलर बैंच नहीं थी जो अयोध्या में विवादित जमीन मामले की सुनवाई करें. इस लिए चीफ़ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई ने बीते शुक्रवार को कहा था कि 10 जनवरी को उस विशेष पीठ के सामने लग रहा है. 10 जनवरी को वह इस मामले को कैसे हैंडल करना है ये सारी दलीले और आरगुमेंट उनके पास रखी जाएगी. 

इसे भी पढ़ें - राम मंदिर पर 'आखिरी' फैसले का देश को इंतजार.. जानें, मामले में कब-कब क्या हुआ?

बता दें, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस विवाद में दायर चार दीवानी वाद पर अपने फैसले में 2.77 एकड़ भूमि का सुन्नी वक्फ़ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला के बीच समान रूप से बंटवारा करने का आदेश दिया था. 

सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 29 अक्तूबर को कहा था कि यह मामला जनवरी के प्रथम सप्ताह में उचित पीठ के समक्ष सूचीबद्ध होगा, जो इसकी सुनवाई का कार्यक्रम निर्धारित करेगी . बाद में अखिल भारत हिंदू महासभा ने एक अर्जी दायर कर सुनवाई जल्द करने का आग्रह किया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा करने से इनकार कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि 29 अक्तूबर को ही इस मामले की सुनवाई के बारे में आदेश पारित किया जा चुका है.

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Published January 8th, 2019 at 17:11 IST

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