Updated December 20th, 2018 at 15:39 IST
Republic Summit 2018 | सालों से चल रहे जातिवाद, परिवारवाद और तुष्टिकरण को हमने हराया: अमित शाह
मंगलवार को Republic Summit 2018 के दूसरे और आखिरी दिन अमित शाह और अर्नब गोस्वामी के बीच कई मसलों पर सवाल-जवाब का दौर चला.
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मंगलवार को Republic Summit 2018 के दूसरे और आखिरी दिन अमित शाह और अर्नब गोस्वामी के बीच कई मसलों पर सवाल-जवाब का दौर चला.
इस दौरान अर्नब गोस्वामी ने सवाल किया कि 2014 में नरेंद्र मोदी बनाम राहुल गांधी के तौर पर चुनाव लड़ा गया था. क्या आगामी 2019 के लोकसभा चुनाव में आप राहुल गांधी को बतौर नरेंद्र मोदी के बनाम देखते हैं?
अमित शाह का जवाब, ''नरेंद्र मोदी बनाम क्या है उससे फर्क नहीं पड़ता क्योंकि हम नरेंद्र मोदी के स्ट्रेंथ पर चुनाव लड़ने जा रहे हैं. पिछली सारी सरकारें बहुत सी बातों में फंसी रहती थी. किसी ने किसान को मुद्दा बनाया तो कोई गरीबी का मुद्दा उठाकर चुनाव लड़ता आया है. लेकिन नरेंद्र मोदी जी की सरकार में हर क्षेत्र में काम किया गया है. बहुत लंबे समय के बात ऐसी सरकार आई है कि जो लोगों को अच्छा लगे वैसा काम नहीं लोगों के लिए जो अच्छा है ऐसा काम करती है. 2019 का चुनाव हम इन्ही मुद्दों पर चुनाव लड़ेंगे.''
''जातिवाद, परिवारवाद और तुष्टिकरण को हमने हराया''
शाह ने कहा, ''जातिवाद, परिवारवाद और तुष्टिकरण ये हमेशा से चलता आया है. हमने इन सभी चीजों को हराया है. पहले के दौर में जब राजा महराजा हुआ करते थे उस वक्त लोकतंत्र नहीं था. राजा का बेटा कैसा भी हो उसे राजा बना दिया जाता था. आज भी ऐसा ही है इशसे नहीं मतलब कि राजा का बेटा कैसा है, पार्टी अध्यक्ष वही बनेगा और वही प्रधानमंत्री का उम्मीदवार भी बनेगा.
अर्नब गोस्वामी का सवाल- हाइपर पापुलिस्ट मूव. जैसे नौकरी मिले नहीं मिले लेकिन 3500 बेरोजगार भत्ता. ऐसे प्रॉमिश चुनाव में बहुत चल रहे हैं. इसपर क्या कहना है?
अमित शाह का जवाब - गुजरात, आसाम और हरियाणा में भी पॉपुलिस्ट प्रॉमिस किए गए थे. लेकिन वहां क्या हुआ. हमने आपदा के समय किसानों को 3 गुना मदद किया. बहुत सारे ऐसे कदम उठाए जो किसानों के पक्ष में है.
इसपर अर्नब गोस्वामी ने पूछा कि अगर आपने इतना काम किया तो क्या मैसेज देने में आप सफल नहीं हुए. आपने इतने सारे काम मध्य प्रदेश में किए तो क्या आप लोगों तक इसका मैसेज पहुंचाने में असफल रहे?
अमित शाह, ''जहां तक मध्यप्रदेश में किसानों की बात है तो 31 मार्च 2018 को जो कर्ज भरे जा चुके हैं. वो भरने की बात कर्ज माफ कर रहे हैं जब करीब 90 फीसदी तक कर्द मार्च 2018 में ही भर दिए गए है. एक बार कृषि लोग और माफ करने वाले आंकड़े सामने आएंगे तो सबकुछ साफ हो जाएगा. भ्रमित कर रहे हैं. आंकड़े उन्हें रिलीज करना चाहिए. अगर वो नहीं सामने लाएंगे तो हम लाएंगे.
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Published December 19th, 2018 at 13:44 IST
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