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Updated November 24th, 2022 at 14:01 IST

इश्क के लिए खुद सीने पर मार ली गोली और बच गई जान, बाएं के बजाय दाएं तरफ धड़क रहा था दिवाने का दिल

इश्क के लिए आत्महत्या की कोशिक करने वाले प्रेमी का नाम सतीश है.

Reported by: Amit Bajpayee
| Image:self
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क्या आपने कभी ऐसा देखा सुना है कि किसी प्रेमी को उसकी प्रेमिका धोखा दे लेकिन दिल उसकी जान बचा ले. जी हां यूपी के एक युवक को उसकी प्रेमिका ने धोखा दिया लेकिन दिल ने उसकी जान बचा ली. इस नाकाम आशिक ने अपने सीने पर खुद गोली मार ली थी लेकिन इसे कुदरत का करिश्मा कहिये कि उसका दिल सीने में बॉई की बजाय दांई तरफ धड़क रहा था और गोली उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकी. कानपुर के डाक्टरों ने सर्जरी कर गोली बाहर निकाल दी है.

इश्क के लिए आत्महत्या की कोशिक करने वाले प्रेमी का नाम सतीश है. करीब 25 साल का सतीश मूलरुप से जनपद हमीरपुर इलाके के उपराखा का बांदिशा है. पड़ोसियों की माने तो सतीश का बगल वाले गांव की एक लड़की से प्रेम-प्रसंग है. एक साल की आशिकी को रिश्ते में बदलने के लिए सतीश कई दिनों से अपनी प्रेमिका से मिलना चाहता था. वह फोन पर लगातार मुलाकात करने के लिए मनुहार कर रहा था. लेकिन बंदिशों और पहरे के वजह से लड़की ने मिलने से इंकार कर दिया तो 18 सितंबर को सतीश ने मोबाइल फोन पर प्रेमिका से बात करने के बाद अपने सीने में सटाकर ट्रिगर दबा दिया. 

खून से लतपथ सतीश को पिता बीरबल (Birbal) और परिजनों ने असप्ताल पहुंचाया. जहां फास्ट-एड के बाद डॉक्टरों ने उसे कानपुर के लिए रेफर कर दिया. उसे बेहद नाजुक हालात में कल्यानपुर के आवास विकास अंबेडकरपुरम स्थित एसआईएस हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. ऑपरेशन से पहले एक्स-रे रिपोर्ट देखकर डॉक्टर अंचभित रह गए. सीने के अंदर बायां हिस्सा क्षतिग्रस्त था. जबकि दाएं हिस्से में दिल जैसी आकृती नजर आई. सतीश का दिल सीने के दाॅयी ओर धड़क रहा था और गोली उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकी थी.

गोली निकालने के लिए ऑपरेशन शुरू हुआ तो सीने को चीरा लगाते ही डा. दिनेशस सिंह और डॉ आदित्य त्रिपाठी चौंक गए. सतीश के जिस्म के दाएं हिस्से में दिल धड़क रहा था. जबकि बाएं हिस्से को भेदते हुए गोली पेट में फंस गई थी.

डॉक्टर ने कहा कि शरीर के दाएं हिस्से में दिल होना बेहद दुर्लभ मामला है . ऐसा करोड़ो में किसी एक के साथ होता है. अस्पताल के इंवेंसिव क्यार ने कहा कि गोली फेफड़े से होते हुए नीचे डयफ्राम में छेद करते हुए पेट को भेदते हुए तिल्ली के पास फंस गई थी. 


उन्होंने बताया कि कुदरत के करिश्मा के कारण सतीश का दिल बाएं के बजाए दाएं था. इस वजह से गोली सतीश के दिल को नुकसान हीं पहुंचा सकी. सर्जन ने बताया कि दिनेश सिंह कि बाएं फेफड़े से डेढ़ लीटर खून इकट्ठा हो गया था. ऑपरेशन के  जरिए खून को बाहर निकाला गया. उसके दो ऑपरेशन किए गए , अब सतीश की जिंदगी महफूज है. 

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Published November 24th, 2022 at 14:00 IST

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