Updated April 29th, 2021 at 21:25 IST
Assam Exit Poll | असम में फिर खिल सकता है बीजेपी का 'कमल', रिपब्लिक भारत और CNX के एग्जिट पोल का अनुमान
असम में इस बार CAA,एनआरसी और घुसपैठ जैसे मुद्दे छाए रहे, लेकिन जनता के दिल में क्या है?
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पश्चिम बंगाल के चुनावी दंगल पर भले ही देश की नजर लगी है, लेकिन बंगाल से सटे असम की लड़ाई भी काफी अहम है। बीजेपी ने असम में दोबारा जीत का डंका बजाने के लिए ताबड़तोड़ रैलियां की हैं,पीएम मोदी से लेकर अमित शाह समेत बीजेपी के दिग्गजों ने असम जीतने के सियासी रण में जमकर ताल ठोकी है।
असम में सबसे बड़ा मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच है, बीजेपी के चाणक्य अमित शाह रैलियों में कई बार ऐलान कर चुके हैं कि BJP और AGP दो-तिहाई बहुमत के साथ असम में अगली सरकार बनाएंगे। पिछले विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस को करारी शिकस्त देकर सत्ता हासिल की थी।
असम में इस बार CAA,एनआरसी और घुसपैठ जैसे मुद्दे छाए रहे, लेकिन जनता के दिल में क्या है? लोगों ने ईवीएम में किस पार्टी का बटन दबाया है, ये जानने की कोशिश CNX – Republic TV Exit ने अपने सर्वे में की है। हमारी टीम ने राज्य की सभी 126 विधानसभा का दौरा किया है और लोगों की राय जानी। इस दौरान हमने 15 हजार 120 लोगों से बात की नंबर 1 न्यूज़ चैनल पर सबसे बड़ा एग्जिट पोल क्या कहता है.
एनडीए को 74-84 सीटें जीतने का अनुमान है, वहीं कांग्रेस गठबंधन को केवल 40-50 सीटों का अनुमान है। दूसरी ओर, अन्य राजनीतिक दलों को एक से तीन सीटें जीतने की संभावना है। रिपब्लिक-सीएनएक्स एग्जिट पोल के अनुसार, पार्टी-वार अनुमान हैं- भाजपा (60-66 सीटें), कांग्रेस (26-28 सीटें), एजीपी (10-14), एआईयूडीएफ (11-13), बीपीएफ (5- 7), यूपीपीएल (3-5) और अन्य (1-3)। एजीपी, एआईयूडीएफ और बीपीएफ को छोड़कर, अन्य सभी पार्टियां पिछले चुनाव के विपरीत अधिक सीटें हासिल कर रही हैं।
बीजेपी की इस जीत के साथ 15 साल से सत्ता में रही कांग्रेस की सियासी गाड़ी असम में पटरी से उतर गई थी, लेकिन इस बार के चुनाव में असम के मुस्लिम नेता की वजह से कई सारे चुनावी समीकरण बदल गए हैं, नाम है बदरुद्दीन अजमल। बदरुद्दीन ने कांग्रेस से हाथ मिलाया है ताकि बीजेपी को सिंहासन से हिलाया जा सके।
असम देश का एक ऐसा राज्य है, जहां औसतन 34 फीसदी आबादी मुसलमानों की है, जिनमें असम के मूल निवासी असमिया मुसलमान और बांग्लादेशी घुसपैठिये शामिल हैं। राज्य की 126 सीटों में से निचले असम की 43 सीटों पर मुस्लिम आबादी किसी का भी सियासी गणित बना और बिगाड़ सकती है, ये इलाका अजमल का गढ़ माना जाता है, जहां से पिछली बार 2011 को एआईयूडीएफ ने 18 सीटें जीती थीं।
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Published April 29th, 2021 at 18:51 IST
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