Updated October 29th, 2018 at 10:31 IST
इलाज कराने 'आयुष्मान कार्ड' लेकर अस्पताल पहुंचा परिवार, डॉक्टर बोला, पैसे न हो तो PM से लेकर आओ!
वहीं अस्पताल प्रशासन ने मरीज के आरोपों पर सफाई देते हुए कहा कि जिम्मेदार व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
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प्रधानमंत्री जन आरोग्य (आयुष्मान भारत) योजना को मोदी सरकार का ''ड्रीम प्रोजेक्ट' माना जाता है और सरकार ने इस स्कीम को भी जोर- शोर से लॉन्च किया था. लेकिन जमीनी पर ये स्कीम किस तरह दम तोड़ रही है इस जीता जगता सबूत देश में सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में देखने को मिला है, जहां प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कार्ड होने के बाद भी शाहजहांपुर के माहोदुर्ग निवासी कमलेश कुमार को किंग्स जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के ट्रॉमा सेंटर में कथित तौर पर फ्री में इलाज करने से मना कर दिया.
परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर और वहां के स्टॉफ ने आयुष्मान कार्ड लेने से इनकार कर दिया और कहा कि जाओ मोदी से पैसे लकेर आओ. तब मुफ्त में इलाज होगा. लेकिन जब शाहजहांपुर के विधायक रोशन लाल वर्मा ट्रामा पहुंचे तो वहां स्टाफ ने कथितौर पर उनके साथ बदमीजी की.
शाहजहांपुर विधायक रोशन लाल के अनुसार, जब उन्होंने अस्पताल को अपने बारे में बताया तो फिर उनके रूख में नरमी आई और उन्होंने माफी मांगते हुए मरीज को गांधी वार्ड में शिफ्ट कराया.
वहीं अस्पताल प्रशासन ने मरीज के आरोपों पर सफाई देते हुए कहा कि जिम्मेदार व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई गी जाएगी.
केजीएमयू के मीडिया इंचार्ज संतोष कुमार ने दावा किया कि उनके अस्पताल ने पहली बार आयुष्मान भारत योजना को अपने यहां लागू किया और अगर डॉक्टर की कोई गलती हुई तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
स्थीनीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार शाहजहांपुर के कमलेश पोल बिजली विभाग में संविदा कर्मचारी हैं. थोड़े दिनों पहले वो बिजली के खंबे पर काम करते हुए झुलस गए थे. जिसके बाद उन्हें स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन वहां ठीक से इलाज ना होने की वजह से केजीएमयू में भेज दिया गया था.
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Published October 24th, 2018 at 16:11 IST
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