Updated October 3rd, 2021 at 14:19 IST

अखिलेश यादव का बड़ा दावा- 'यूपी चुनाव से पहले कृषि कानूनों को वापस लेगी BJP, बाद में फिर से करेगी लागू'

अखिलेश यादव ने दावा किया है कि बीजेपी (BJP) 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले कृषि कानूनों (Farm Laws) से संबंधित 'साजिश' रच सकती है।

Reported by: Dalchand Kumar
Credit- PTI | Image:self
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उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव (UP Assembly Elections 2022) को लेकर सियासी बयार बहने लगी है। इन दिनों राजनीतिक पार्टियां चुनावों को लेकर बहुत ज्यादा गंभीर हो चली हैं। तमाम मुद्दों को लेकर सियासी दल जनता के बीच पहुंचने लगे हैं। चुनावों से पहले किसानों (Farmers) का मुद्दा भी गूंज रहा है। शनिवार को अपने चुनावी अभियान में बेहद सक्रिय नजर आ रहे समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व सीएम अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने भी किसानों के मसले पर बीजेपी सरकार पर हमला बोला। किसानों को आगाह करते हुए अखिलेश यादव ने दावा किया है कि बीजेपी (BJP) 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले कृषि कानूनों (Farm Laws) से संबंधित 'साजिश' रच सकती है।

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किसानों का विरोध और गुस्सा झेल रही बीजेपी को घेरते हुए अखिलेश यादव ने कहा, 'बीजेपी कोई भी साजिश रच सकती है। यह भी संभव है कि बीजेपी सरकार तीन काले कृषि कानूनों को वापस ले ले, चुनाव कराए और उन्हें फिर से किसान पर लागू कर दे।' अखिलेश ने कहा, 'लाल बहादुर शास्त्री ने नारा दिया था- जय जवान, जय किसान। आज जवान दुखी है और किसान भी तनाव में है। जो किसान हमें कपड़े देता है, जो हमें खिलाता है, उसका इस तरह अपमान किसी भी देश में कभी नहीं हुआ। सरकार में बैठे लोग किसानों का अपमान कर रहे हैं। उन्हें आतंकवादी कहा गया है।'

कृषि कानूनों पर गतिरोध

गौरतलब है कि देश में तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन कर रहे हैं। नवंबर 2020 से दिल्ली की सीमाओं पर हजारों की संख्या में किसान डेरा डाले बैठे हुए हैं। किसानों का मानना है कि इन तीनों कानूनों से मंडियां बंद हो जाएंगी और उनकी जमीन व्यापारियों के हाथों में चली जाएगी। किसान लगातार एमएसपी पर कानून लाने की भी मांग कर रहे हैं। इस मसले को सुलझाने के लिए केंद्र सरकार ने किसानों के साथ कई बार बातचीत की लेकिन कोई हल नहीं निकला। फिलहाल तीन कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार और किसान संघों के बीच बातचीत ठप हो चुकी है। 

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क्या हैं तीनों कृषि कानून

सरकार के अनुसार, 'किसान उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, 2020' का उद्देश्य किसानों को राज्य कृषि उपज मंडी समितियों की बाधाओं से मुक्त करना है, जिससे वे अपनी उपज कहीं भी बेच सकेंगे। इस बीच, मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम, 2020 का किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) समझौता किसानों को कृषि सेवाओं के लिए प्रोसेसर, थोक विक्रेताओं, बड़े खुदरा विक्रेताओं, निर्यातकों के साथ जुड़ने के लिए सुरक्षा और अधिकार देता है। आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020 निर्दिष्ट करता है कि अनाज, दाल, आलू, खाद्य तिलहन और तेल सहित खाद्य पदार्थों की आपूर्ति केवल असाधारण परिस्थितियों में ही विनियमित की जाएगी।

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Published October 3rd, 2021 at 14:17 IST

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