Updated January 6th, 2019 at 17:51 IST
कश्मीर समस्या को सुलझाने में नाकाम रही उमर अब्दुल्ला नेतृत्व वाली नेशनल कॉन्फ्रेंस- गौतम गंभीर
कश्मीर की समस्या को हल करने में विफल रहने के लिए अब्दुल्ला को जिम्मेदार ठहराते हुए उन्होंने हवाला दिया कि यह मुद्दा "बाहरी से ज्यादा अंतरिक" है.
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क्रिकेट की मैदान में अपने आक्रामक तेवर के लिए प्रशंसा और आलोचना, दोनों झेलने वाले पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर ने हाल ही में साफ कर दिया है कि वो राजनीति की पिच पर भी कुछ इसी अंदाज में नजर आने वाले हैं. रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी से विशेष बातचीत में गंभीर ने कश्मीर सहित अन्य मुद्दों पर बड़ी बेबाकी से अपनी राय रखी और राजनेताओं को भी नहीं बख्शा.
दरअसल कुछ महीने पहले सुरक्षाबलों द्वारा कश्मीर के मॉस्ट वांटेड आतंकवादी मन्नान बशीर वानी को ढेर किए जाने के बाद ट्विटर पर नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख उमर अब्दुल्ला से हुई बहस का जिक्र करते हुए गंभीर ने कश्मीर की सबसे पुरानी पार्टी को आड़े हाथों लिया.
उन्होंने कहा, "सबसे पहले, मैं उन सभी लोगों के खिलाफ हूं, जो देश के खिलाफ बंदूकें उठाते हैं, उन्हें गोली का सामना करना चाहिए. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस परिवार ने सबसे लंबे समय तक राज्य की सत्ता पर राज किया लेकिन अभी तक हमें कश्मीर समस्या का समाधान नहीं मिला.
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"कश्मीर मुद्दा बाहरी से ज्यादा आंतरिक"
कश्मीर की समस्या को हल करने में विफल रहने के लिए अब्दुल्ला को जिम्मेदार ठहराते हुए उन्होंने कहा कि यह मुद्दा "बाहरी ना होकर आंतरिक" ज्यादा है.
गंभीर ने कहा, "मेरी उम्र 37 साल है और 37 साल के जीवन में हम लोग कश्मीर समस्या का ठीक समाधान नहीं ढूंढ पाए, सिर्फ हम पाकिस्तान के साथ बात करने की बात करते रह गए. यदि समस्या आंतरिक है तो समाधान बाहरी कैसे हो सकता है? हां, आप बार्डर को लेकर बात कर सकते हैं जो कश्मीर में हैं. लेकिन नेशनल कॉन्फ्रेंस और उमर अब्दुल्ला जैसों ने लंबे वक्त तक राज्य की सत्ता पर शासन किया है. तो उनको अपनी जिम्मेदारी लेनी चाहिए और कहना चाहिए कि उन्होंने राज्य के युवाओं के लिए पर्याप्त नहीं किया है.
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बताते चलें, कुछ महीनों सुरक्षाबलों द्वारा आतंकवादी मन्नान बशीर वानी को ढेर किए जाने के बाद ट्विटर पर उमर अब्दुल्ला और गौतम गंभीर के बीच काफी गहमागहमी देखी गई थी.
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Published January 6th, 2019 at 15:29 IST