Updated August 19th, 2021 at 23:15 IST

यूपी: कोरोना की स्थिति बिगड़ने पर बंद हो सकते हैं स्कूल, उपस्थिति अनिवार्य नहीं- डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा

डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने गुरुवार को कहा कि कोरोना की स्थिति बिगड़ती है तो यूपी में स्कूलों को फिर से बंद किया जा सकता है।  

Reported by: Vineeta Mandal
IMAGE: PTI | Image:self
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देश में कोरोनावायरस (Coronavirus) की रफ्तार धीमी होने लगी थी, जिसके बाद धीरे-धीरे देश को अनलॉक किया गया। वहीं महीनों से बंद पड़े स्कूलों (Schools) को भी खोला जाने लगा था। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में भी हाल ही में स्कूलों को खोला गया था लेकिन अब इसे लेकर डिप्टी सीएम ने अपना बयान जारी किया है। डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा (Deputy Chief Minister Dinesh Sharma) ने गुरुवार को कहा कि कोरोना की स्थिति बिगड़ती है तो यूपी में स्कूलों को फिर से बंद किया जा सकता है।  उन्होंने ये भी कहा कि स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति अनिवार्य नहीं होगी और जरा सा भी प्रतिकूल संकेत मिलने पर स्कूलों को बंद भी किया जा सकता है।

दिनेश शर्मा ने कहा, 'अभिभावकों और शिक्षकों तथा राजनीतिक संगठनों द्वारा भी कहा गया है कि चाहे कम समय के लिए ही सही, लेकिन ऑफलाइन शिक्षण कार्य कराया जाए। उत्तर प्रदेश में अभी जो वातावरण है, इसमें हम सुरक्षा की तरफ बढ़ चुके हैं लेकिन अगर चिंता के संकेत मिले तो हम स्कूल को बंद भी कर सकते हैं।'

उन्होंने  कहा, 'बेसिक शिक्षा में उपस्थिति को अनिवार्य नहीं किया गया है। हमने नौ से 12 तक की कक्षाओं के लिए भी उपस्थिति को अनिवार्य नहीं किया है।'

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने कक्षा छह से आठ तक के स्कूल विद्यार्थियों के लिए आगामी 23 अगस्त से जबकि पहली से पांचवी कक्षा तक के स्कूल एक सितंबर से खोलने के आदेश दिए हैं। प्रदेश में कक्षा नौ से 12 तक के विद्यालय छात्र-छात्राओं के लिए 16 अगस्त से खोले जा चुके हैं।

इस हफ्ते के शुरू में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों से आगामी 23 अगस्त से छठी से आठवीं कक्षाओं तक के और एक सितंबर से पहली से पांच कक्षाओं तक के स्कूलों को छात्र-छात्राओं के लिए खोलने पर विचार करने को कहा था।

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दरअसल, ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह से सवाल पूछा था कि क्या अभी तक टीका नहीं लगवाने वाले शिक्षकों और 18 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए टीकाकरण की कोई व्यवस्था की गई है या नहीं। सपा सदस्य रुद्र प्रकाश ने भी अनुपूरक सवाल के जरिए इस पर चिंता जताते हुए कहा कि टीकाकरण कराए बगैर छोटे बच्चों को स्कूल भेजना क्या खतरनाक नहीं है?

नरेश उत्तम पटेल ने स्वास्थ्य मंत्री से कहा कि स्कूल खुल गए हैं, ऐसे में कोविड-19 संक्रमण बच्चों में फैलने को लेकर जो चिंता है उसे कैसे दूर किया जाएगा। इस पर मंत्री ने कहा कि 18 साल से कम आयु के लोगों के लिए अभी टीका बना ही नहीं है और आशा है कि सितंबर में यह टीका आ जाएगा।

त्रिपाठी ने कहा कि सरकार का कहना है कि 18 साल से नीचे के बच्चों के लिए टीका बना ही नहीं है तो कहीं वह हादसा फिर से ना हो जाए। बच्चे प्रभावित होंगे तब क्या होगा। विद्यालय संचालित हो रहे हैं और अब बच्चों पर आफत आने वाली है। उनके टीकाकरण की व्यवस्था जरूर कराई जाए।

 

(पीटीआई इनपुट के साथ)

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Published August 19th, 2021 at 23:13 IST

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