Updated September 9th, 2022 at 22:49 IST

गृह मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रपति मुर्मू को पेश की संसदीय समिति की राजभाषा रिपोर्ट

केंद्रीय गृह मंत्री और संसदीय राजभाषा समिति के अध्यक्ष अमित शाह ने 9 सितंबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की।

Reported by: Ankur Shrivastava
PC: Twitter/@AmitShah | Image:self
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केंद्रीय गृह मंत्री और संसदीय राजभाषा समिति के अध्यक्ष अमित शाह ने 9 सितंबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। इस मुलाकात में उन्होंने राष्ट्रपति के समक्ष संसदीय राजभाषा समिति के आधिकारिक भाषाओं पर रिपोर्ट पेश की। बता दें कि अमित शाह ने संसदीय समिति के 11वां खण्ड की रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंपी।

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इस मुलाकात के संबंध में गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि राष्ट्रपति के साथ राजभाषा हिंदी के संरक्षण व संवर्धन के साथ इसके प्रचार-प्रसार व प्रयोग को और अधिक बढ़ाने के विषय पर चर्चा की। उन्होंने ट्वीट कर इस संबंध में जानकारी दी।

इस संबंध में राष्ट्रपति भवन ने ट्वीट कर बताया, "संसदीय राजभाषा समिति के अध्यक्ष तथा गृह एवं सहकारिता मंत्री, श्री अमित शाह और समिति के सदस्यों ने राष्ट्रपति भवन में, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से मुलाक़ात की और संसदीय राजभाषा समिति के प्रतिवेदन का 11वां खण्ड राष्ट्रपति को प्रस्तुत किया।"

बता दें कि राजभाषा पर बनी संसद की समिति का मुख्य उद्देश्य हिंदी के क्षेत्र में हुई प्रगति की समीक्षा करना है। इससे पहले इसी साल अप्रैल में अमित शाह ने नई दिल्ली में संसदीय राजभाषा समिति की 37वीं बैठक की अध्यक्षता की और समिति की रिपोर्ट के 11वें खंड को भारत के राष्ट्रपति को भेजने को मंजूरी दी।

रिपोर्ट की मुख्य बातें

रिपोर्ट को लेकर अमित शाह ने 3 मुद्दों पर विशेष जोर दिया था। पहला, समिति से रिपोर्ट के पहले से 11वें खंड के दौरान की गई सभी सिफारिशों को लागू करने का अनुरोध किया गया था। गृह मंत्रालय के बयान के अनुसार राजभाषा समिति के सचिव को खंडवार रिपोर्ट के क्रियान्वयन के बारे में सदस्यों को सूचित करने के लिए कहा गया था।

दूसरे मुद्दे के अंतर्गत उन्होंने कक्षा 9 तक के छात्रों को हिंदी का प्रारंभिक ज्ञान देने और हिंदी शिक्षण परीक्षाओं पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता पर जोर दिया। जबकि तीसरे मुद्दे में गृह मंत्री ने हिंदी शब्दकोश को संशोधित कर पुनः प्रकाशित करने का सुझाव दिया।

राजभाषा विभाग के अनुसार राजभाषा अधिनियम 1963 में की गई व्यवस्थाओं के परिणामस्वरूप संसद की राजभाषा समिति अस्तित्व में आई। इस समिति का गठन 1976 में अधिनियम की धारा 4 के तहत किया गया था। इस समिति में संसद में 30 सदस्य जिसमें, लोकसभा से 20 और राज्य सभा से 10 सदस्य शामिल हैं।

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Published September 9th, 2022 at 22:46 IST

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