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Updated July 27th, 2021 at 11:53 IST

यूपी विधानसभा चुनाव: अयोध्या के बाद वृंदावन में 'ब्राह्मण सम्मेलन' आयोजित करेगी बसपा

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ही बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) ब्राह्मण मतदाताओं को अपनी ओर लुभाने में जुटी हुई है।

Reported by: Ritesh Mishra
| Image:self
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उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कुछ महीने ही शेष बचे हैं। चुनाव से पहले ही बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) ब्राह्मण मतदाताओं को अपनी ओर लुभाने में जुटी हुई है। इसी कड़ी में बसपा ने अयोध्या के बाद अब एक अगस्त से वृंदावन में 'ब्राह्मण सम्मेलन' का आयोजन करने का फैसला किया है। 

इस सम्मेलन का नेतृत्व बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर के दर्शन कर शुरू करेंगे। बसपा प्रमुख मायावती को उम्मीद है कि मथुरा में ब्राह्मण समुदाय की जुटने की अपील है। 

सतीश मिश्रा ने दावा किया कि भाजपा और समाजवादी पार्टी दोनों ने बसपा की तुलना में वृंदावन और मथुरा का विकास करने में विफल रहे हैं। इससे पहले 23 जुलाई को उन्होंने अयोध्या में राम जन्मभूमि पर पूजा-अर्चना की और ब्राह्मण मतदाताओं को लुभाने के लिए पार्टी के पहले चरण के अभियान की शुरुआत की।

सतीश मिश्रा ने ब्राह्मण सम्मेलन की शुरुआत करते हुए कहा कि असली ताकत तभी आएगी जब यूपी में ब्राह्मण और दलित एक साथ आएंगे। उन्होंने कहा, "ब्राह्मण समुदाय राज्य की आबादी का 13 प्रतिशत है, लेकिन अभी भी हाशिए पर हैं क्योंकि ब्राह्मण एकजुट नहीं हैं"।

यूपी विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी बसपा 

2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में, भाजपा ने 403 सदस्यीय सदन में 312 सीटों पर जीत हासिल की, जबकि बसपा केवल 19 सीटें जीत सकी। दूसरी ओर, सपा-कांग्रेस गठबंधन भी फेल साबित हुआ, दोनों पार्टियां सिर्फ 54 निर्वाचन क्षेत्रों में जीत हासिल कर सकी। मायावती के नेतृत्व वाली पार्टी 9 साल से सत्ता से बाहर होने के बाद आगामी विधानसभा चुनाव में राज्य में वापसी कर रही है।

इसे भी पढ़ें: अगले विधान सभा चुनाव में सपा-बसपा का हाल 2017 से भी बुरा होगा : केशव प्रसाद

18 जुलाई को मीडिया को संबोधित करते हुए, बसपा सुप्रीमो ने तर्क दिया कि ब्राह्मण पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा को भारी मतदान करने के बावजूद योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार से बहुत नाखुश है। 2017 के चुनावों को लेकर पूर्व सीएम मायावती ने इस बात पर जोर दिया कि बसपा ने अपना वोट प्रतिशत बरकरार रखा है।

इसे भी पढ़ें: ओवैसी की पार्टी के साथ चुनाव लड़ने की खबर को मायावती ने बताया गलत, कहा- यूपी-उत्तराखंड में अकेले चुनाव लड़ेगी बसपा

साथ ही मायावती ने विश्वास जताया कि वो (ब्राह्मण) भाजपा को वोट न देकर आगामी चुनाव में रुझान को कम कर देंगे। बता दें कि बसपा की सोशल इंजीनियरिंग ने 2007 में बसपा को राज्य विधानसभा में 403 सीटों में से 206 सीटों पर जीत के साथ सत्ता दिलाई थी। 

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Published July 27th, 2021 at 11:53 IST

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