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Updated September 7th, 2018 at 14:35 IST

प्रार्थना सभा: PM मोदी और लालकृष्ण आडवाणी ने एक बार फिर किया भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी को याद ..

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रार्थना सभा​​​​​​​ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी​​​​​​​ ने उन्हें याद करते हुए कहा, ''अटल जी हमारे बीच में नहीं हैं .. जीवन ...

Reported by: Gaurav Kumar
| Image:self
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भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रार्थना सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें याद करते हुए कहा, ''अटल जी हमारे बीच में नहीं हैं .. जीवन कितना लंबा हो.. ये हमारे हाथ में नहीं है लेकिन जीवन कैसा हो ये हमारे हाथ में है.. अटल जी ने ये जीकर दिखाया कि जीवन कैसा हो.. क्यों हो.. किसके लिए हो.. कैसे हो..किशोरावस्था से लेकर के जीवन के अंत तक शरीर ने जब तक साथ दिया वो जिए देश के लिए देशवासियों के लिए ..'' 

इसके साथ ही उन्होंने कहा, ''1998 में पोखरण द्वितीय सबके लिए चौंकाने वाला था.. उन्होंने परमाणु परिक्षण करके दुनिया को बता दिया था कि भारत दुनिया के सामने झुकने वाला नहीं है. आज उत्तराखंड हो छत्तीसगढ़ को या झारखंड हो इन तीनों राज्यों की संरचना उन्होंने की.. कश्मीर पर अटल बिहारी वाजपेयी ने अलग नजरिया रखा.. अटल जी ने दुनिया का ध्यान आतंकवाद की तरफ खींचा.. उन्होंने भारत का पक्ष अंतरराष्ट्रीय मंचों पर रखा.. अनगिनत काम वाजपेयी जी ने किए.. मेरे जैसे करोड़ों कार्यकर्ता हैं जिन्हें उनके साथ काम करने का मौका मिला.. ''

इसके साथ ही पीएम मोदी ने कहा, ''एशियन गेम्स में भारत को गोल्ड मेडल जीताने वाले बजरंग पूनिया ने गोल्ड मेडर को जीतने के बाद कहा, मैं ये गोल्ड मेडल अटल जी को समर्पित करता हूं..''

बता दें, प्रधानंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा पूर्व उपप्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी ने भी भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए कहा, ''जीवन में अनेक सभाएं संबोधित किए हैं लेकिन आज जैसी ये सभा मैं कभी संबोधित करूंगा ये कभी मैंने कल्पना नहीं की थी.. अटल जी कहते थे कभी-कभी कि मैं कितने दिन रहूंगा.. जब वो ऐसा कहते थे तो मन मैं तकलीफ होती थी..

इसके साथ ही उन्होंने कहा, ''जब मैंने अपने जीवन की पर पुस्तक लिखी थी तो उसमें अटल जी का भी उल्लेख किया था.. लेकिन अटल जी विमोचन में नहीं आए थे जिससे मैं दुखी था.. आज स्वंय अटल जी उपस्थित नहीं हैं आज एक ऐसी सभा हो रही है जहां अटल जी को जानने वाले , कार्यकर्ता ही नहीं हैं बल्कि विपक्ष के लोग भी हैं एवं अन्य कार्यकर्ता भी मौजूद हैं.. मैं अपने आपको खुद किस्मत मानता हूं की मैं उनके साथ 65 साल तक रहा.. सिनेमा साथ-साथ देखते थे पुस्तक साथ में पढ़ते थे.. ''

''इतना ही नहीं अटल जी की ये विशेषता थी कि वो भोजन बहुत अच्छा पकाते थे.. चाहे वो खिचड़ी ही सही..  आज जब मैं ये बोल रहा हूं अटल जी की अनुपस्थिति में बोल रहा हूं.. मुझे काफी दुख होता है.. बहुत कुछ सीखा अटल जी से .. बहुत कुछ पाया उनसे .. दुख होता कि वो हमसे अलग हो गए.. मैं इतना ही कह सकता हूं कि अटल जी ने जो कुछ हमें सिखाया उसे आगे बढ़ाएं.. ''

बता दें, 16 अगस्त की शाम लगभग पांच बजकर पांच मिनट पर भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी का निधन हो गाय था. अटल जी तीन बार भारत के प्रधानमंत्री के रूप में चुने गए थे.  

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Published August 20th, 2018 at 17:38 IST

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