Updated October 27th, 2018 at 14:59 IST
लोकसभा चुनाव 2019 : राज ठाकरे नहीं होंगे महागठबंधन का हिस्सा
महागठबंधन की एक बैठक में एनसीपी ने बाकायदा कहा की, एमएनएस को भी महागठबंधन का हिस्सा बनाया जाए .
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2019 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सभी पार्टियां बिगुल फूंक चुकी है. इसी क्रम में बीजेपी को रोकने के लिए शरद पावर और कांग्रेस पार्टी मिलकर सभी समान विचारधारा वाली पार्टीयों को महागठबंधन में लाने की कोशिश कर रही हैं. इस मुद्दे पर कई पार्टियों के साथ बातचीत अंतिम चरण में है
वहीं राज ठाकरे और एनसीपी के मुखिया शरद पवार की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब धूम मचा रहा है. इस तस्वीर में राज और शरद पवार एक ही प्लेन में एक साथ बैठे हुए किसी मुद्दे पर चर्चा करते हुए दिखायी दे रहें हैं . इस तस्वीर के वायरल होने के साथ ही सियासी गलियारों में कयासों का दौर शुरु हो गया है .
दरअसल, एनसीपी राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना को महागठबंधन का हिस्सा हर हाल में बनाना चाहती थी. इस बारे में महागठबंधन की बैठक में एनसीपी ने एक प्रोपोजल भी रखा था.
इधर महागठबंधन की एक बैठक में एनसीपी ने बाकायदा कहा की, एमएनएस को भी महागठबंधन का हिस्सा बनाया जाए . एनसीपी के मुताबिक, राज ठाकरे का सियासी कद भले ही पहले जैसा ना रहा हो लेकिन उनकी पार्टी दुसरे उम्मीदवारों का खेल बिगाड़ने की माद्दा अब भी रखती हैं. मराठी मानुस के मन में राज ठाकरे को लेकर अब भी सॉफ्ट कॉर्नर हैं और मुंबई, ठाणे, नासिक, कल्याण-डोंबिवली, सहित पुणे के कुछ हिस्सों में राज ठाकरे की पार्टी की अच्छी मौजूदगी हैं.
कुछ महीने पहले राज ठाकरे ने खुद भी कहा था की मोदी मुक्त भारत के लिए सभी राजनीतिक दलों को एक साथ आना चाहिए. तेल की कीमतों में उछाल के मुद्दे पर विपक्षी दलों के भारत बंद के ऐलान को समर्थन कर राज ठाकरे ने इस बात का इशारा कर दिया था की वो भी महागठबंधन का हिस्सा बनना चाहते हैं.
लेकिन राज ठाकरे को महागठबंधन में शामिल करने का प्रपोजल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी को रास नहीं आया. कांग्रेस को यह डर सता रहा था की अगर राज ठाकरे को महागठबंधन में शामील करने से उत्तरभारतीय नाराज हो जायेंगे. वैसे उत्तरभारतीयों की बेहरमी से पिटाई करने का एमएनएस का इतिहास जगजाहीर हैं.
रिपब्लिक टीवी से बातचीत में एनसीपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि, शरद पवार और राज की एक साथ खिंची गई तस्वीर का कोई राजनीतिक मतलब ना निकाला जाए. संयोग वश दोनों नेता एक साथ एक फ्लाईट में मिल गए. महागठबंधन के सभी दलों ने एक सुर में कहा हैं की, राज ठाकरे की पार्टी को महागठबंधन का हिस्सा नहीं बनाना हैं क्योंकि, राज ठाकरे की विचार धारा और उनकी कार्यशैली महागठबंधन के सेक्युलर विचारधारा से मेल नहीं खाते हैं.
गौरतलब हैं की, यह पहला मौका हैं जब एनसीपी ने आधिकारिक तौर पर कहा हैं कि, एमएनएस महागठबंधन का हिस्सा नहीं होगी. हाल के कुछ महीनों में शरद पवार और राज ठाकरे के बीच की दुरीयां काफी कम हुई हैं. पवार खुद चाहते थे की राज ठाकरे महागठबंधन का हिस्सा बने क्युंकि इससे उनकी ताकत बढेगी लेकिन शायद नियती को कुछ और ही मंजूर था.
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Published October 27th, 2018 at 14:49 IST
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