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Updated June 6th, 2019 at 20:25 IST

सिद्धू की सीधी चुनौती का अमरिंदर सिंह ने यूं दिया जवाब, 'स्थानीय शासन से हटाकर उन्हें ऊर्जा मंत्री बनाया'

अमरिंदर ने हाल में कहा था कि वह लोकसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन को देखकर सिद्धू का स्थानीय शासन विभाग बदलना चाहते हैं।

Reported by: Digital Desk
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कैबिनेट फेरबदल में पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू से बृहस्पतिवार को स्थानीय शासन विभाग ले लिया गया और उन्हें बिजली तथा नयी एवं नवीकरणीय ऊर्जा का प्रभार दिया गया है। सिद्धू का मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के साथ टकराव चल रहा था।

लोकसभा चुनावों के बाद राज्य कैबिनेट की पहली बैठक के बाद प्रभार में फेरबदल किया गया है।  सिंह ने बृहस्पतिवार शाम अपने अधिकतर मंत्रियों के विभागों में बदलाव किया है । 

आधिकारिक बयान के मुताबिक, सिद्धू से पर्यटन और संस्कृति मामलों का प्रभार भी ले लिया गया है । 

चार मंत्रियों को छोड़कर बदलाव के तौर पर अन्य सभी मंत्रियों के प्रभारों में कुछ फेरबदल हुआ है । मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे सरकार के कामकाज में और सुधार होगा तथा पारदर्शिता और कुशलता आएगी । 
इससे पहले सिद्धू ने बृहस्पतिवार को हुई कैबिनेट बैठक में शामिल नहीं हुए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उन्हें हल्के में नहीं लिया जा सकता। अमरिंदर ने हाल में कहा था कि वह लोकसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन को देखकर सिद्धू का स्थानीय शासन विभाग बदलना चाहते हैं।

सिद्धू ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुझे हल्के में नहीं लिया जा सकता। मैंने अपने जीवन में 40 साल तक अच्छा प्रदर्शन करके दिखाया है, भले ही वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की बात हो या ज्योफ्री बॉयकाट के साथ विश्वस्तरीय कमेंट्री की बात, टीवी कार्यक्रम की बात हो या 1300 प्रेरक वार्ताओं का मामला हो।’’ 

उन्होंने कहा कि पंजाब में पार्टी की जीत में शहरी इलाकों ने अहम भूमिका निभाई। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके विभाग को निशाना बनाया जा रहा है।

सिद्धू ने कहा, ‘‘मेरे विभाग पर सार्वजनिक रूप से निशाना साधा जा रहा हैं। मैंने हमेशा उन्हें बड़े भाई की तरह सम्मान दिया है। मैं हमेशा उनकी बात सुनता हूं। लेकिन इससे दुख पहुंचता है। सामूहिक जिम्मेदारी कहां गई? मुझे बुलाकर वह वो सब कह सकते थे, जो वह कहना चाहते थे।’’ 

सिद्धू ने कहा कि वह अपने नाम, विश्वसनीयता और प्रदर्शन का "जमकर" बचाव करेंगे।

उन्होंने कहा, "हर कोई मुझसे पूछ रहा है कि मैं कैबिनेट की बैठक में क्यों नहीं गया। जब आप कैबिनेट मंत्री बनते हैं तो शपथ दिलाई जाती है और उसके बाद कहा जाता है कि यह एक सामूहिक जिम्मेदारी है। मैं एक राजनीति विज्ञान का छात्र रहा हूं और यह पढ़ाया जाता है कि नियम यह है कि हम साथ चलेंगे और साथ डूबेंगे।’’ 

सिद्धू ने पिछली कैबिनेट बैठकों का जिक्र करते हुए कहा कि उन बैठकों में उनकी कुर्सी भले ही "मुख्यमंत्री की कुर्सी से सिर्फ तीन इंच दूर" हो लेकिन ‘‘ऐसा लगता है कि मैं उनसे काफी दूर हूं और उन्हें (सिंह) मुझ पर भरोसा नहीं है।’’ 

हालिया आम चुनाव में कांग्रेस ने पंजाब की 13 में से आठ सीटों में जीत हासिल की थी। शिअद-भाजपा गठबंधन को चार और आप को एक सीट मिली थी।

(इनपुट- भाषा)

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Published June 6th, 2019 at 20:25 IST

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