Advertisement

Updated April 21st, 2020 at 14:26 IST

पेट्रोलियम मंत्रालय के 511 प्रोजेक्ट इकोनॉमिक बूस्टर का काम करेंगे, जानिए कैसे

पेट्रोलियम मंत्रालय से जुड़ी सरकारी कंपनियां बकायाद इसे अमलीजामा पहनाने में भी जुट गई हैं। जिसके अंतर्गत 511 अलग-अलग प्रोजेक्ट

Reported by: Himanshu Tiwari
PC: PTI
PC: PTI | Image:self
Advertisement

कोरोना संकट के बीच लॉकडाउन के कारण अर्थव्यवस्था में आने वाली सुस्ती की आशंका को देखते हुए केंद्र सरकार हर मोर्चे पर एक्शन मोड में आ गई है। मोदी सरकार के एजेंडे में रोजगार की वह गतिविधियां हैं, जिनका सीधा सरोकार देश की इकोनॉमी के आधार तेल और गैस से जुड़े प्रोजेक्ट और उनके जरिए लोगों को मिलने वाले रोजगार से है। 

511 प्रोजेक्ट और 42,790 करोड़ रुपये के साथ इकोनॉमी में जान फूंकने की तैयारी

20 अप्रैल से इकोनॉमी के कोर सेक्टर की आर्थिक गतिविधियां शुरू करने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा को जमीन पर सफल बनाने के लिए पेट्रोलियम मंत्रालय ने 511 प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर दिया है। पेट्रोलियम मंत्रालय से जुड़ी सरकारी कंपनियां बकायाद इसे अमलीजामा पहनाने में भी जुट गई हैं। जिसके अंतर्गत 511 अलग-अलग प्रोजेक्ट पर 42,790 करोड़ रुपये खर्च किया जाएगा।

इन प्रोजेक्ट की व्यापक स्वरूप का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि लगभग 7 करोड़ श्रम दिवस का सृजन होगा। पहले एक महीने में ही इन सभी प्रोजेक्ट से 2210 करोड़ रुपये का भूगतान किया जाना है। जिसमे। 266 करोड़ रुपये तो अकेले श्रमिकों के पारिश्रमिक व भत्तों की अदायगी में होगा। 

इसके अलावा 1944 करोड़ रुपये प्रोजेक्ट से जुड़ी अन्य सहायक गतिविधियों जैसे कच्चे माल की आपूर्ति, मशीनरी, लॉजिस्टिक आदि में खर्च होगा। इस तरह दो चरण में 42,790 करोड़ रुपये खर्च कर इकोनॉमी को रफ्तार देने का प्रयास किया जाएगा। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान खुद इन सभी प्रोजेक्ट पर नज़र बनाए हुए हैं। 

इकोनॉमी ही नहीं श्रमिकों को भी राहत देंगे पेट्रोलियम मंत्रालय के 511 प्रोजेक्ट 

इकोनॉमी में जान फूंकने के लिए पेट्रोलियम मंत्रालय का यह पूरा वर्कप्लान एक साथ कई मोर्चों पर काम करेगा। मसलन इससे अर्थव्यवस्था में आपूर्ति का जो संकट गहरा रहा है, उसकी चुनौती से निजात मिलेगी। वहीं व्यापक पैमाने पर रोजगार का सृजन होगा, जिससे विशेष रूप से कोरोना संकट के दौरान सबसे अधिक प्रभावित होने वाले श्रमिकों, दिहाड़ी मज़दूरों को राहत मिलेगी। निर्माण क्षेत्र में कच्चे माल और श्रम संसाधन की कमी का संकट भी इससे दूर होगा। यानी इकोनॉमी में आर्थिक हलचल बढ़ेगी।

देश के हर व्यक्ति से जुड़ी हैं ये परियोजनाएं 

गृह मंत्रालय की गाइडलाइंस के अधीन शुरू होने वाले ये प्रोजेक्ट रिफाइनरी, उत्खन व उत्पादन, आधारभूत संरचना (इंफ्रास्ट्रक्च), विपणन, पाइपलाइन के साथ शहरी गैस वितरण नेटवर्क पर आधारित हैं। इनमें आईओसीएल के 196 प्रोजेक्ट, बीपीसीएल के 168 प्रोजेक्ट, ओएनजीसी के 26 प्रोजेक्ट, एचपीसीएल के 57 प्रोजेक्ट, गेल के 32, एनआरएल के 17, बीएल के 2 और एमआरपीएल के 3 प्रोजेक्ट हैं।

Advertisement

Published April 21st, 2020 at 14:26 IST

आपकी आवाज. अब डायरेक्ट.

अपने विचार हमें भेजें, हम उन्हें प्रकाशित करेंगे। यह खंड मॉडरेट किया गया है।

Advertisement

न्यूज़रूम से लेटेस्ट

Advertisement
Advertisement
Advertisement
Whatsapp logo