Updated January 17th, 2019 at 13:28 IST
सबरीमाला विवाद: मंदिर में प्रवेश करने वाली दो महिलाओं की सुरक्षा पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई कल
करीब 40 साल की उम्र वाली दो महिलाओं ने ये दावा किया था कि सुबह उन्होंने मंदिर में प्रवेश किया. इससे जुड़ा एक वीडियो भी सामने आया था.
Advertisement
सबरीमाला में भगवान अयप्पा के मंदिर में 42 वर्ष और 44 वर्ष की उम्र की दो महिलाओं के प्रवेश को लेकर मचा घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है. मंदिर में प्रवेश के बाद दोनों महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चिंता बनी हुई है. दोनों महिलाओं की 24 घंटे सुरक्षा मुहैया कराने की मांग हो रही थी.
सुप्रीम कोर्ट सबरीमाला मामले में दो महिलाओं की 24 घंटे सुरक्षा मुहैया कराने वाली याचिका पर कल यानी 18 जनवरी को सुनवाई करेगा. इन दोनों महिलाओं ने हाल ही में सबरीमाला मंदिर में प्रवेश किया था.
करीब 40 साल की उम्र वाली दो महिलाओं ने ये दावा किया था कि सुबह उन्होंने मंदिर में प्रवेश किया. इससे जुड़ा एक वीडियो भी सामने आया था.
महिलाओं का कहना था कि करीब साढ़े तीन बजे के आस-पास उन्होंने भगवान अयप्पा का दर्शन करने के लिए मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश किया और दर्शन करके वो बाहर लौट गई. जिसके बाद तनाव अचानक से बढ़ गया.
इसे भी पढ़ें - BIG NEWS: दो महिलाओं ने सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने का किया दावा, देखें VIDEO
जो वीडियो समने आया था उसमें दोनों महिलाओं को मंदिर के अंदर घूमते हुए देखा जा सकता है. जानकारी के मुताबिक, जिन दो महिलाओं ने मंदिर में प्रवेश किया था. उसमें से एक का नाम बिंदु और दूसरी महिला का नाम कनकदुर्गा है.
फिलहाल महिलाओं की सुरक्षा हर किसी के लिए एक बड़ी चुनौती है. 24 घंटे सुरक्षा मुहैया कराने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई. जिसपर कोर्ट शुक्रवार को सुनवाई करेगा.
गौरतलब है कि सबरीमाला मंदिर में 10-50 वर्ष की आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश पर पारंपरिक रूप से लगी रोक के खिलाफ आदेश देते हुए उच्चतम न्यायालय ने 28 सितंबर को सभी आयु वर्ग की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश और पूजा की अनुमति दे दी थी. तब से मंदिर में प्रवेश को लेकर कई बार प्रदर्शन हो चुके हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि हर उम्र वर्ग की महिलाएं अब मंदिर में प्रवेश कर सकेंगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हमारी संस्कृति में महिला का स्थान आदरणीय है. यहां महिलाओं को देवी की तरह पूजा जाता है और मंदिर में प्रवेश से रोका जा रहा है. यह स्वीकार्य नहीं है.
पिछले साल उच्चतम न्यायालय द्वारा इस मंदिर में 10 साल से 50 साल तक की उम्र की महिलाओं को प्रवेश की इजाजत दिए जाने के बाद भी श्रद्धालुओं और कुछ दक्षिणपंथी संगठनों के विरोध के चलते इस उम्रवर्ग की महिलाएं मंदिर में नहीं जा पायीं .
Advertisement
Published January 17th, 2019 at 13:18 IST
आपकी आवाज. अब डायरेक्ट.
अपने विचार हमें भेजें, हम उन्हें प्रकाशित करेंगे। यह खंड मॉडरेट किया गया है।