Updated December 17th, 2018 at 12:27 IST
1984 दंगे में कांग्रेस नेता सज्जन को सजा, क्या कमलनाथ की बढ़ेंगी मुश्किलें?
कमलनाथ का भी इस दंगे में नाम सामने आया था. हालांकि उनकी भूमिका दोषी करार दिए गए नेता सज्जन कुमार की तरह साफ नहीं हो पाई थी.
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1984 में हुए सिख विरोधी दंगों को लेकर न्यायालय में काफी लंबे वक्त से मुकदमा, सुनवाई और सजा का सिलसिला जारी है. इस बीच सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को आजीवन कारावास की सजा सुना दी गई है. लेकिन ये कोई पहले कांग्रेस नेता नहीं हैं जिनका नाम सिख विरोधी दंगों में सामने आया है. निचली अदालत से बरी होने के बाद हाईकोर्ट ने सज्जन कुमार को सजा सुनाया गया है. इसके अलावा कई और बड़े नेता के नाम सामने आते रहे हैं.
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बनने जा रहे कमलनाथ का भी इस दंगे में नाम सामने आया था. हालांकि उनकी भूमिका दोषी करार दिए गए नेता सज्जन कुमार की तरह साफ नहीं हो पाई थी. जिसकी वजह से उनके ऊपर कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसके बावजूद कलमलाथ और कांग्रेस पार्टी पर 1984 दंगे में कथित भागीदारी का आरोप लगता आ रहा है.
सज्जन कुमार की मुश्किलें काफी बढ़ चुकी हैं. कोर्ट ने उन्हें 84 दंगे में दोषी मान लिया है ऐसे में कांग्रेस पार्टी के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है. लेकिन हर कोई यही सवाल कर रहा है कि क्या कांग्रेस के एक और दिग्गज नेता कमलनाथ की भी मुश्किलें बढ़ सकती हैं?
क्या है मामला?
कमलनाथ पर आरोप लगता आया है कि 1 नवंबर 1984 को देश की राजधानी नई दिल्ली के रकाबगंज गुरुद्वारा में वो उस वक्त मौजूद थे जब भीड़ ने दो सिखों को जला दिया था. कमलनाथ ने अपने आरोपों से इनकार नहीं किया बल्कि उन्होंने इस बात को कबूल किया कि वो उस वक्त वहां मौजूद थे.
खुद पर लगे आरोपों पर कमनलाथ..
कमलनाथ ने खुद की संलिप्तता पर सफाई देते हुए मीडिया से कहा था कि मैं वहां मौजूद था क्योंकि मेरी पार्टी ने मुझे वहां पहुंचने को कहा था. गुरुद्वारे के बाहर भारी तादाद में लोगों की भीड़ मौजूद थी. मैं उन्हें हमला करने से रोकने के लिए वहां गया था. पुलिस ने भी मुझसे भीड़ को नियंत्रित करने की गुजारिश की थी.
नहीं मिले सबूत..
कमलनाथ ने 1984 में हुए सिख विरोधी दंगे को लेकर जांच का हवाला देते हुए कहा कि दंगों की SIT जांच, रंगनाथ मिश्रा कमीशन इनक्वायरी और जीटी नानावती कमीशन इनक्वायरी में मेरे खिला कुछ नहीं पाया गया. इसके अलावा उन्होंने ये भी कह दिया कि अगर जरूरत पड़ी तो वो आगे भी जांच का सामना कर सकते हैं.
विवादों से रहा नाता!
मध्यप्रदेश के होने वाले मुख्यमंत्री कमलनाथ पर सिर्फ 1984 के सिख दंगों को लेकर आरोप नहीं है. गांधी परिवार के बेहद करीबी माने जाने वाले कमलनाथ पर 1996 के हवाला कांड को लेकर भी संगीन आरोप लगे थे. जिसे लेकर काफी वक्त तक चुनाव नहीं लड़ सके.
गौरतलब है कि कमलनाथ को कांग्रेस पार्टी के तरफ से मध्यप्रदेश का सीएम बनाया जा रहा है ऐसे में अकाली दल ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में कमलनाथ को चुनने के कांग्रेस पार्टी के फैसले का विरोध करते हुए शुक्रवार को कहा था कि राहुल गांधी के नेतृत्व वाली इस पार्टी ने 1984 के दंगों के पीड़ितों के जख्मों पर नमक मलने जैसा काम किया है.
इसके अलावा मनजिंदर सिंह सिरसा ने भी दिल्ली में आरोप लगाते हुए कहा था कि 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद राष्ट्रीय राजधानी में भड़के दंगों में कमलनाथ का हाथ था.
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Published December 17th, 2018 at 11:54 IST
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