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Updated September 23rd, 2021 at 09:16 IST

यूपी धर्मांतरण केस: मौलाना कलीम सिद्दीकी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत, ATS ने किया है गिरफ्तार

अवैध धर्मांतरण केस में गिरफ्तार इस्लामिक विद्वान मौलाना कलीम सिद्दीकी को 5 अक्टूबर तक 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

Reported by: Munna Kumar
PC: PTI/ ANI News Twitter
PC: PTI/ ANI News Twitter | Image:self
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इस्लामिक स्कॉलर मौलाना कलीम सिद्दीकी को 5 अक्टूबर तक 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। मौलाना कलीम सिद्दीकी को उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधी दस्ते (Uttar Pradesh Anti Terrorist Squad ) ने गिरफ्तार किया है। मौलाना कलीम सिद्दीकी पर अवैध धर्मांतरण का आरोप है। 
64 वर्षीय मौलाना कलीम सिद्दीकी पश्चिमी यूपी के सबसे बड़े मौलवियों में से एक हैं, जिनका नाम उमर गौतम मामले की जांच के दौरान सामने आया था। उमर गौतम को मेरठ से पकड़ा गया था और वर्तमान में यूपी पुलिस उससे पूछताछ कर रही है। उसपर संदिग्ध गतिविधियों और कट्टरपंथ फैलाने का आरोप है।

मौलाना कलीम सिद्दीकी को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत
यूपी एटीएस ने अवैध धर्मांतरण का भंडाफोड़ करते हुए भारत के सबसे बड़े धर्मांतरण सिंडिकेट के आरोप में मुजफ्फरनगर के रहने वाले सिद्दीकी को गिरफ्तार किया है। वह जामिया इमाम वलीउल्लाह ट्रस्ट चलाते हैं, जो कई मदरसों को फंड करता है। आरोप है कि इसके लिए उसे भारी विदेशी फंडिंग मिली है। इस केस में पुलिस ने प्रसिद्ध इस्लामिक स्कॉलर मौलाना कलीम सिद्दीकी को गिरफ्तार किया है।

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने बताया, "जांच से पता चलता है कि मौलाना कलीम सिद्दीकी जामिया इमाम वलीउल्लाह ट्रस्ट चलाते हैं जो कई मदरसों को फंड करता है जिसके लिए उन्हें बड़ी विदेशी फंडिंग मिली है। जांच से पता चलता है कि मौलाना कलीम सिद्दीकी के ट्रस्ट को 3 करोड़ रुपये मिले। बहरीन से 1.5 करोड़ रुपये सहित विदेशी फंडिंग मिली है। मामले की जांच के लिए एटीएस की छह टीमों का गठन किया गया है।"

इधर, दिल्ली के ओखला से आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्ला खान ने इस गिरफ्तारी को 'मुसलमानों पर अत्याचार' कहा है। 

उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण का मामला
इससे पहले जून में उमर गौतम को आठ अन्य लोगों के साथ उत्तर प्रदेश पुलिस ने कथित रूप से धर्मांतरण रैकेट चलाने के आरोप में गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद यूपी पुलिस ने बताया था कि रैकेट में मूकबधिर बच्चों और महिलाओं का इस्लाम में धर्मांतरण शामिल था। आरोप है कि इस रैकेट ने 1,000 से अधिक लोगों का धर्म परिवर्तन कराया है। पुलिस के बयान में आगे कहा गया है कि नोएडा में एक दर्जन से अधिक मूक-बधिर बच्चों का भी धर्म परिवर्तन कराया गया है। पुलिस ने बताया कि पूछताछ के दौरान गिरफ्तार आरोपियों ने हर साल करीब 250 से 300 लोगों का धर्म परिवर्तन करने की बात कबूल की है।

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इससे पहले प्रेस कान्फ्रेंस में यूपी के एडीजी प्रशांत कुमार ने कहा था, ''कानपुर के कल्याणपुर में रहने वाले दंपती के मूक-बधिर बेटे का धर्म परिवर्तन कर दक्षिण भारत भेजा गया है। ऐसे हजारों मामले सामने आए हैं। लोगों से पैसे देने का वादा किया गया था और धर्मांतरण के बदले नौकरी भी ऑफर की गई थी।"

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Published September 23rd, 2021 at 09:16 IST

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