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Updated September 23rd, 2021 at 08:34 IST

उत्तर प्रदेश सरकार ने महंत नरेंद्र गिरि मृत्यु मामले की जांच सीबीआई से कराने की अनुशंसा की

उत्तर प्रदेश सरकार ने अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मृत्यु मामले की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की बुधवार रात को अनुशंसा की।

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उत्तर प्रदेश सरकार ने अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मृत्यु मामले की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की बुधवार रात को अनुशंसा की।

अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि प्रयागराज में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मृत्यु मामले की जांच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर सीबीआई से कराने की संस्तुति की गयी है ।

गौरतलब हैं कि महंत नरेंद्र गिरि सोमवार को अपने मठ के एक कमरे में मृत पाये गए थे। पुलिस के मुताबिक, गिरि ने कथित तौर पर पंखे से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी।

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और श्रीमठ बाघंबरी गद्दी के महंत नरेंद्र गिरि को बुधवार को दोपहर उनके मठ में पूर्ण विधि-विधान से समाधि दी गई। इस अवसर पर उनकी बहन और अन्य परिजन समेत सभी अखाड़ों के पदाधिकारी उपस्थित थे ।

बुधवार सुबह पोस्टमार्टम के बाद महंत नरेंद्र गिरि के पार्थिव शरीर को श्रीमठ बाघंबरी गद्दी लाया गया जहां उसे फूल मालाओं से तैयार एक विशेष वाहन में रखा गया।

श्रीमठ बाघंबरी गद्दी से गाजे-बाजे के साथ यह विशेष वाहन संगम क्षेत्र पहुंचा। जहां पार्थिव शरीर पर गंगा जल छिड़का गया। वहां से वाहन बड़े हनुमान मंदिर पहुंचा जहां मंदिर में प्रयुक्त फूल पार्थिव शरीर पर चढ़ाए गए। महंत नरेंद्र गिरि इस मंदिर के भी महंत थे।

बड़े हनुमान मंदिर से विशेष वाहन वापस श्रीमठ बाघंबरी गद्दी पहुंचा जहां महंत नरेंद्र गिरि को उनकी इच्छा के मुताबिक नींबू के पेड़ के नीचे समाधि दी गई। समाधि देने की प्रक्रिया करीब एक घंटे तक चली।

उधर प्रयागराज से मिली खबर के अनुसार अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की कथित आत्महत्या मामले में तीसरे आरोपी संदीप तिवारी को पुलिस ने बुधवार की शाम गिरफ्तार कर लिया।

जार्ज टाउन थाने के प्रभारी निरीक्षक महेश सिंह ने संदीप तिवारी को बुधवार की शाम गिरफ्तार किए जाने की पुष्टि की।

इस मामले में दो अन्य आरोपियों आनंद गिरि और आद्या प्रसाद तिवारी को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया और बुधवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया। अदालत ने इन दोनों आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

पुलिस ने कहा था कि घटनास्थल से एक कथित सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें महंत ने लिखा है कि वह मानसिक रूप से परेशान हैं और अपने एक शिष्य से व्यथित हैं।

कथित सुसाइड नोट में महंत नरेंद्र गिरि ने लिखा था, “मैं बहुत दुखी होकर आत्महत्या कर रहा हूं। मेरी मौत की जिम्मेदारी आनंद गिरि, आद्या प्रसाद तिवारी और उसके बेटे संदीप तिवारी की होगी।” आनंद गिरि, महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य हैं, जबकि आद्या प्रसाद तिवारी बड़े हनुमान मंदिर के पुजारी हैं।

प्रयागराज एसएसपी ने इस मामले में 18 सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन भी किया था।

महंत नरेंद्र गिरि को श्रद्धांजलि देने प्रयागराज पहुंचे मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा था कि मामले को जल्द सुलझा लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि मामले से जुड़े हर पहलू का पर्दाफाश किया जाएगा और दोषियों को दंडित किया जाएगा।

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Published September 23rd, 2021 at 08:34 IST

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