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Updated November 8th, 2018 at 22:30 IST

CBI ने माल्या के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर बदलने के रिकॉर्ड्स का खुलासा करने से किया इनकार

भगोड़े विजय माल्या के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर को कैसे बदल दिया गया था इसकी जानकारी देने से सीबीआई ने इंकार कर दिया है

Reported by: Ayush Sinha
| Image:self
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9000 करोड़ रुपए से ज्यादा का लोन लेकर भागने वाले व्यापारी विजय माल्या के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर को कैसे बदल दिया गया था, इस पर जानकारी देने से सीबीआई ने मना कर दिया है. सीबीआई ने चल रही जांच का हवाला देते हुए RTI का जवाब देने से इनकार किया है.

बता दें, पुणे के RTI कार्यकर्ता विहार धुर्वे ने 9,000 करोड़ रुपये का बैंक लोन वापस न करने वाले आरोपी भगोड़े माल्या को लेकर एक RTI डाली थी. इस RTI के जरिए भगोड़े माल्या के खिलाफ जारी हुए लुकआउट सर्कुलर को कैसे बदल दिया गया. जिसका जवाब देने से सीबीआई ने मना कर दिया है. एजेंसी ने सूचना से इनकार करने के लिए अधिनियम की धारा 8 (1) (एच) का हवाला दिया है. 

सीबीआई के मुताबिक इस जानकारी के सार्वजनिक होने से जांच प्रक्रिया पर असर पड़ सकता है और अपराधियों के धर-पकड़ पक्ष में बाधा डाल सकता है. हालांकि दिल्ली हाई कोर्ट ने ये साफ किया है कि जब कोई भी जानकारी देने से चल रही जांच पर असर पड़ सकता है तो ये जानकारी सार्वजनिक नहीं की जा सकती है.

बता दें, सीबीआई ने माल्या के खिलाफ 'लुकआउट सर्कुलर' (एलओसी) जारी किया था. जिसमें कहा गया था कि अगर माल्या देश से फरार होने की कोशिश करे तो उसे हिरासत में ले लिया जाए. सर्कुलर जारी करने वाले जांच अधिकारी पर ये निर्भर करता है कि अगर माल्या विमान पर सवार होकर विदेश जा रहे हैं तो उन्हें हिरासत में लिया जाए. लेकिन भगोड़े माल्या जब देश छोड़कर भागा तो उसके खिलाफ जारी हुआ 'लुकआउट सर्कुलर' (एलओसी) को बदल दिया गया था. 

सरकारी सूत्रों के मुताबिक तत्कालीन सीबीआई निदेशक अनिल सिन्हा को एलओसी की प्रारुप में बदलाव के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. इस बदलाव को एसपी रैंकिंग के अधिकारी द्वारा एजेंसी के संयुक्त निदेशक अधिकारी के मौखिक निर्देशों पर किया गया था.

बदलाव के बारे में जानने के बाद सिन्हा ने कहा था कि माल्या के भागने से संबंधित अधिकारी को सलाह देने वाली फाइल पर विस्तार से टिप्पणी हुई है. RTI को ठुकराते वक्त सीबीआई ने आरटीआई अधिनियम से दी गई छूट पर भी प्रकाश डाला. जो इसे आरटीआई एक्ट के खिलाफ बताता है.

ये मामला कुछ महीने पहले ही सामने आया था. जब लंदन में वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट्स कोर्ट में माल्या की अंतिम प्रत्यर्पण सुनवाई के दौरान माल्या ने मीडिया से कहा था कि वो भारत से भागने से पहले भारत के वित्त मंत्री अरुण जेटली से मिले थे.

गौरतलब है कि राज्यसभा के रिकॉर्ड के मुताबिक विजय माल्या 1 मार्च 2016 को राज्यसभा में मौजूद था और उसके अगले दिन ही 2 मार्च को वो देश में फरार हो गया था.

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Published November 8th, 2018 at 22:30 IST

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