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Updated February 5th, 2019 at 12:19 IST

सुप्रीम कोर्ट से ममता को बड़ा झटका, पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार को CBI के सामने होना होगा पेश

अदालत ने साथ ही यह भी साफ किया राजीव की फिलहाल गिरफ्तारी नहीं होगी। कोर्ट ने राजीव को शिलॉन्ग में सीबीआई के सामने पेश होने को कहा है।

Reported by: Ayush Sinha
| Image:self
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देश की सर्वोच्च अदालत ने कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार पर शारदा चिटफंड घोटाला मामले से जुड़े इलेक्ट्रॉनिक सबूत नष्ट करने का आरोप लगाने वाली केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की अर्जियों पर मंगलवार यानि आज सुनवाई किया।

सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बड़ा झटका लगा है। सीबीआई बनाम ममता बनर्जी विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कोलकाता के पुलिस कमिश्नर को सीबीआई के सामने पेश होने और जांच में सहयोग देने का आदेश दिया है।

हालांकि अदालत ने साथ ही यह भी साफ किया राजीव की फिलहाल गिरफ्तारी नहीं होगी। कोर्ट ने राजीव को शिलॉन्ग में सीबीआई के सामने पेश होने को कहा है।

घमासान के बीच सुप्रीम सुनवाई में कोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव, डीजीपी और कोलकाता पुलिस कमिश्नर को सीबीआई की मानहानि याचिका पर नोटिस जारी किया है। मामले की अगली सुनवाई 20 फरवरी को होगी। 

दरअसल इससे पहले में सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में 14 पेज का हलफनामा पेश किया था। इस हलफनामे में सीबीआई ने कोर्ट को सबूत नष्ट किए जाने के बारे में जानकारी दी गई थी। सीबीआई ने पुलिस कमिश्नर के खिलाफ कोई सबूत न देते हुए, इस बात के सबूत दिए हैं कि पुलिस कमिश्नर सबूत नष्ट करने की कोशिश कर रहे हैं। 

सीबीआई ने अपने हलफनामें में कहा है कि सीबीआई ने सर्विस प्रोवाइडर से ऑरिजनल सीडीआर हासिल की है। सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सर्विस प्रोवाइडर से मिली सीडीआर और राजीव कुमार द्वारा उपलब्ध कराई गई सीडीआर की तुलना की गई तो साफ हो गया कि राजीव कुमार द्वारा उपलब्ध कराई गई सीडीआर से छेड़छाड़ की गई है। 

SIT ने जांच में किया टालमटोल 

सीबीआई ने हलफनामे में कहा है कि पश्चिम बंगाल सरकार ने दिनांक 26/04/13 को एक आदेश जारी कर पूरे राज्य में चिटफंड के सारे मामले और जांच एसआईटी को सौंपने का फैसला किया। साथ ही साथ कलकत्ता हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई थी जिसमें कोर्ट ने एसआईटी हर महीने जांच रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया था। हलफनामे में कहा गया है कि हाईकोर्ट के लगातार निगरानी के बाद भी एसआईटी द्वारा जांच में टालमटोल करना एक बड़े षडयंत्र का हिस्सा है। स्थानीय अधिकारियों ने जांच को प्रभावित किया और सबूतों को नष्ट करने की कोशिश की। 

अटॉर्नी जनरल ने क्या कहा?

बहस के दौरान सीबीआई की तरफ से पेश अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि एसआईटी ने सबूतों के साथ छेड़छाड़ की और मामले की सही तरीके से जांच नहीं की। उन्होंने कहा कि बंगाल में संवैधानिक संस्थाएं चरमरा गई हैं। वेणुगोपाल ने कहा कि एसआईटी डेटा और लैपटॉप को सुरक्षित नहीं रख पाई। एसआईटी ने सीबीआई को गलत कॉल डेटा दिया था। बंगाल सरकार की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि सीबीआई कोलकाता पुलिस कमिश्नर को परेशान करना चाहती है। उन्होंने कहा कि सीबीआई अफसरों को परेशान कर रही है।

इसे भी पढ़ें - CBI Vs Mamata Live Updates: सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई की अर्जी पर सुनवाई आज, पल-पल की खबर पर R. भारत की नज़र

आरोपियों को बचाने की कोशिश 

हलफनामे में कहा गया है कि राजीव कुमार ने कई समन भेजे जाने के बाद भी जांच में सहयोग नहीं किया। राजीव कुमार ने सीडीआर के साथ भी छेड़छाड़ की। सीबीआई ने दावा किया कि राजीव कुमार के नेतृत्व में पूरी एसआईटी ने जांच आगे बढ़ाने की बजाए आरोपियों को बचाने की कोशिश की। 

इससे पहले सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था कि सीबीआई कोलकाता पुलिस कमिश्नर के खिलाफ सबूत लाकर दे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था अगर राजीव कुमार यदि सबूतों को मिटाने की कोशिश कर रहे हैं तो सीबीआई उनके खिलाफ सबूत लाकर दे, हम उनके खिलाफ ऐसी कार्रवाई करेंगे कि वह पछताएंगे। 

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Published February 5th, 2019 at 12:13 IST

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