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Updated December 6th, 2021 at 07:30 IST

World Soil Day: सद्गुरु की सभी देशों से अपील- ‘मिट्टी विलुप्त हो रही है, इसका संरक्षण जरूरी’

सद्गुरु (Sadhguru) ने 5 दिसंबर को विश्व मृदा दिवस (World Soil Day) पर मिट्टी की जैविक सामग्री को बहाल करने के लिए तुरंत एक्शन लेने का आह्वान किया है।

Reported by: Sakshi Bansal
| Image:self
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ईशा फाउंडेशन (Isha Foundation) के संस्थापक सद्गुरु (Sadhguru) ने 5 दिसंबर को विश्व मृदा दिवस (World Soil Day) पर मिट्टी की जैविक सामग्री को बहाल करने के लिए तुरंत एक्शन लेने का आह्वान किया है। उन्होंने ऐलान किया है कि वह मिट्टी के संरक्षण के लिए "कॉन्शियस प्लैनेट" (Conscious Planet) नामक एक पहल शुरू करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि मरुस्थलीकरण (desertification) के खतरे से निपटने के लिए मिट्टी की जैव विविधता का संरक्षण अब धरती पर सबसे अहम और तत्काल प्राथमिकता है।

सद्गुरु ने ट्विटर पर लिखा, “जीवित मिट्टी, हमारा शरीर, विलुप्त होने की कगार पर है। इसे अत्यंत तत्परता से संबोधित करना सबसे अहम जिम्मेदारी है जिसे सभी देशों को पूरा करना है। #ConsciousPlanet। आइए हम इसे पूरा करें।” 

सद्गुरु मृदा क्षरण से निपटने के लिए लॉन्च करेंगे 'कॉन्शियस प्लैनेट' 

सद्गुरु मिट्टी के क्षरण से निपटने के लिए "कॉन्शियस प्लैनेट" नामक एक पहल शुरू करेंगे। उन्होंने इस मुद्दे को संबोधित करते हुए, इस बात पर जोर दिया कि वर्तमान में ऐसा लग रहा है कि जलवायु परिवर्तन और पारिस्थितिकी धनी और शक्तिशाली के प्रांत हैं और कहा कि इसे बदलना होगा। उन्होंने आगे दोहराया कि हर व्यक्ति को इसे लेकर जागरूक होना चाहिए कि हम संकट में हैं।

2017 में "नदियों के लिए रैली" अभियान और 2019 में "कावेरी कॉलिंग" आंदोलन को चैंपियन बनाने वाले आध्यात्मिक नेता ने कहा- "पारिस्थितिक मुद्दों को चुनावी मुद्दे बनना चाहिए। सरकारों को पारिस्थितिक मुद्दों के लिए उनकी चिंता को देखकर चुना जाना चाहिए।"

'मिट्टी एक बहुत ही अहम कार्बन सिंक है': सद्गुरु

सद्गुरु ने पर्यावरण और सामाजिक सरोकारों के बीच अंतर करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इन मुद्दों को जरूरी समझ और कानून प्रवर्तन के साथ संबोधित और उलट किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि मौलिक मुद्दा मिट्टी का विलुप्त होना है और सभी को इस पर ध्यान देना चाहिए।

उन्होंने कहा- “मिट्टी एक बहुत ही अहम कार्बन सिंक है, जो ग्रह पर सबसे ज्यादा पानी सोखता है और सभी जीवन का आधार है। ग्रह के चारों ओर औसतन 36-39 इंच की ऊपरी मिट्टी ग्रह पर 87% जीवन का आधार है। हम जो शरीर धारण करते हैं वह मिट्टी है। मिट्टी के समृद्ध और अच्छी हुए बिना, यह शरीर और हर दूसरा जीवन अच्छा नहीं हो सकता है।”

ये भी पढ़ेंः जम्मू-कश्मीर के लोगों से बोले फारूक अब्दुल्ला- ‘हमें भी अपने अधिकारों के लिए किसानों जैसा बलिदान देना होगा’

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Published December 6th, 2021 at 07:25 IST

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