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Updated November 13th, 2018 at 17:23 IST

फैजाबाद और इलाहाबाद का नाम बदलने के फैसले पर यूपी कैबिनेट की मुहर

उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को फैजाबाद और इलाहाबाद का नाम बदलकर अयोध्या और प्रयागराज रखने के नामांकन को मंजूरी दे दी है.

Reported by: Ayush Sinha
| Image:self
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उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को फैजाबाद और इलाहाबाद का नाम बदलकर अयोध्या और प्रयागराज रखने के नामांकन को मंजूरी दे दी है. लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में यूपी कैबिनेट की बैठक में ये फैसला लिया गया और दोनों शहरों के नाम बदलने पर मुहर लग गई.

इस दौरान संसदीय मामले के मंत्री सुरेश खन्ना ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि ये फैसला सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट की एक बैठक में लिया गया है. प्रयागराज मंडल में प्रयागराज, कौशम्बी, फतेहपुर और प्रतापगढ़ जिले शामिल होंगे. जबकि अयोध्या मंडल में अयोध्या, अम्बेडकरनगर, सुल्तानपुर, अमेठी और बाराबंकी जिलों को शामिल किया जाएगा.

यूपी के प्रमुख जिलों, कस्बों और रेलवे स्टेशनों के नाम बदलने को लेकर न सिर्फ विपक्षी पार्टियां बल्कि सत्ताधारी NDA के सहयोगी दल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) ने भी इसकी आलोचना की है. इसके अलावा समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सीएम योगी पर निशाना साधा है और नाम बदलकर क्रेडिट लेने के लिए सीएम योगी को दोषी ठहराया है.

अपने ट्वीट में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा, ''राजा हर्षवर्धन ने अपने दान से ‘प्रयाग कुम्भ’ का नाम किया था और आज के शासक केवल ‘प्रयागराज’ नाम बदलकर अपना काम दिखाना चाहते हैं. इन्होंने तो ‘अर्ध कुम्भ’ का भी नाम बदलकर ‘कुम्भ’ कर दिया है. ये परम्परा और आस्था के साथ खिलवाड़ है.''

कांग्रेस भी इस मसले को लेकर योगी सरकार पर लगातार हमला कर रही है. हाल ही में एक कांग्रेस नेता ने ऐतिहासिक शहर के नाम को 'प्रयागराज' में बदलने को लेकर टिप्पणी करते हुए कहा था कि राष्ट्र के इतिहास के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.

उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने बीजेपी के इस कदम पर मजाक उड़ाते हुए कहा था कि शहरों और स्थानों के नाम बदलने से पहले पार्टी को अपने मुस्लिम नेताओं के नाम बदलना चाहिए.​​​​​​ राजभर ने कहा, "बीजेपी ने मुगलसराय और फैजाबाद के नाम बदल दिए. वो कहते हैं कि उनका नाम मुगलों के नाम पर रखा गया था. उनके पास राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन, केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी, उत्तर प्रदेश मंत्री मोहसिन रजा भाजपा के तीन मुस्लिम चेहरे हैं, पहले उनके नाम बदलने चाहिए."

हालांकि, सत्ताधारी बीजेपी ने यूपी में नाम के बदलाव को उचित ठहराया है और कहा है कि वो केवल पुराने नाम बहाल कर रहे हैं और ऐतिहासिक विकृतियों को सही कर रहे हैं.

बीजेपी ने कहा ''इलाहाबाद का प्राचीन नाम 'प्रयाग' था लेकिन 16 वीं शताब्दी के बाद मुगल सम्राट अकबर ने गंगा, यमुना और सरस्वती के पवित्र 'संगम' के पास एक किला बनाया था. अकबर ने किला और उसके पड़ोस का नाम 'इलाहाबाद' रख दिया था. बाद में, अकबर के पोते शाहजहां ने पूरे शहर को 'इलाहाबाद' नाम दिया था. लेकिन कुंभ मेला की साइट 'संगम' के पास का क्षेत्र 'प्रयाग' के रूप में जाना जाता है''.

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Published November 13th, 2018 at 17:18 IST

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