Updated May 13th, 2021 at 08:30 IST
कोरोना: मदद के लिए आगे आई सेना, जम्मू-कश्मीर में उपलब्ध करा रही है चिकित्सीय सेवाएं
कोरोना महामारी की शुरुआत से ही कोरोना रोकने और संक्रमितों की मदद करने में लगी हुई है। इस बीच कई तस्वीरें सामने आई है।
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कोरोना महामारी की शुरुआत से ही कोरोना रोकने और संक्रमितों की मदद करने में लगी हुई है। इस बीच कई तस्वीरें सामने आई है, जिसमें दिख रहा है कि भारतीय सेना की चिनार कॉर्प्स केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में कोरोना से मुकाबला करने के लिए नागरिक प्रशासन और नागरिकों के प्रयासों में योगदान दे रही है।
कोरोना की दूसरी लहर में, चिनार कॉर्प्स द्वारा कश्मीर में कई चिकित्सीय गतिविधियां जा रही है। जिसमें सेना द्वारा 250 बेड वाला कोविड केयर सेंटर इसके अलावा उरी और बारामूला में उच्च निर्भरता के साथ 20-20 बेड वाले स्थापित किए गए हैं। इसके अलावा कोरोना मरीजों के इलाज के लिए अन्य जगहों पर कोविड सेंटर स्थापित किए जा रहे हैं।
तीनों सेवाओं के भूतपूर्व सैनिकों ने स्वैच्छिक रूप से कोरोना योद्धाओं की भूमिका निभा रहे हैं। जम्मू-कश्मीर में 27 डॉक्टरों समेत 127 पूर्व अधिकारी जम्मू और जम्मू-कश्मीर के 127 सीनियर अधिकारी नागरिक प्रशासन की मौजूदा जनशक्ति को बढ़ाने में लगे हुए हैं। इन्हें दस टीमों में विभाजित किया गया है और पहले से ही उनके संबंधित जिला कलेक्टरों को सूचित किया गया है। कुल 1412 पूर्व सैनिकों ने स्वेच्छा से भाग लिया है और आवश्यकता के अनुसार तैनात किए जाएंगे।
कश्मीर में कोरोना अवसंरचना को बढ़ावा देते हुए, भारतीय सेना, कश्मीर के मौजूदा ऑक्सीजन आपूर्ति को बढ़ाने के लिए नागरिक प्रशासन को उपलब्ध कराने की दिशा में काम कर रही है। गरीब पृष्ठभूमि वाले लोगों और आगे के क्षेत्रों में गुर्जर व बकरवाल समुदाय के लोगों के बीच राशन और कोविड किट भी वितरित किए जा रहे हैं। सेना के चिकित्सकों ने भी आगे के क्षेत्रों में टीकाकरण अभियान के लिए यूटी सरकार के प्रयासों को बढ़ाया है।
सेना नियमित रूप से खैरियत पैट्रोल का आयोजन कर रही है, जहां सेना नर्सिंग सहायकों के साथ गांवों में दवाएं, मास्क, सैनिटाइज़र, पीपीई किट और अन्य सामान वितरित कर रहे हैं, जो कोरोना महामारी से लड़ने के लिए आवश्यक हैं। कश्मीर में रोजाना 50 से ज्यादा ऐसी गतिविधियां हो रही हैं। यह महामारी राष्ट्रीय चुनौती है और सभी को मिलकर इस चुनौती का मुकाबला करने के लिए काम करना चाहिए।
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Published May 13th, 2021 at 08:30 IST
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