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Updated May 29th, 2021 at 15:36 IST

सोशल ग्रुप से ‘हैंडशेक’ जैसी चीजें सीख सकते हैं चिंपैंजी: स्टडी

नई स्टडी से पता चला है कि चिंपैंजी अपने सामाजिक समूह के आधार पर ही ‘हाथ मिलाने’ जैसे हावभाव सीख जाते हैं।

Reported by: Sakshi Bansal
| Image:self
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चिंपैंजी (Chimpanzees) को लेकर एक बड़ी दिलचस्प स्टडी सामने आई है। इस नई स्टडी से पता चला है कि चिंपैंजी अपने सामाजिक समूह के आधार पर ही ‘हाथ मिलाने’ जैसे हावभाव सीख जाते हैं। 12 साल तक किए गए इस अध्ययन से पता चला है कि चिंपैंजी उन ग्रुप के अंदर मनमाने तरीके से हाथों की एक्टिविटी का पालन करते हैं जिन्हें आनुवंशिकी या पारिस्थितिकी पर्यावरण द्वारा समझाया नहीं जा सकता है। इस स्टडी को 26 मई को रॉयल सोसाइटी बायोलॉजी लेटर्स पत्रिका में प्रकाशित किया गया है। 

चिंपैंजी सीखते हैं हाथ मिलाना (हैंडशेक) जैसी चीजें  

अध्ययन के अनुसार, ग्रूमिंग हैंडक्लैस्प के रूप में जाने जाने वाले इस हावभाव में प्रत्येक प्रतिभागी एक साथ एक हाथ फैलाता है और दूसरा दूसरे की कलाई या हाथ पर या दोनों एक-दूसरे के हाथ को पकड़ता है। सभी चिंपैंजी ने समूह के अंदर एकरूपता और समूह के बीच की विषमता को दिखाया और बनाए रखा जो मानव प्रजातियों की विशेषता है। अध्ययन के अनुसार, शोधकर्ताओं ने पाया कि मादा चिंपैंजी की हथेलियों को पकड़ने की संभावना, पुरुष की तुलना में कहीं अधिक थी, जबकि नर चिंपैंजी के कलाई पकड़ने की संभावना थी।

ये अध्ययन 71 चिंपैंजी पर किया गया था जो बड़े जंगली बाड़ों में रहते थे जिनमें मिओम्बो वनस्पति शामिल थे जो चिंपैंजी के प्राकृतिक आवास के समान थे। चिमफुंशी में चिंपैंजी विखंडन-संलयन गतिकी में शामिल हैं, जो अपने बाड़े में बड़े और खतरनाक जानवरों का सामना करते हैं, और बाहर सोते हैं। चिंपैंजी 12 साल के स्टडी पीरियड में अपने समूह के ही ग्रूमिंग स्टाइल को प्राथमिकताएं देते हैं, जिसमें जन्म, मृत्यु और स्थानान्तरण के कारण मूल समूह के सदस्यों की जगह पर्याप्त संख्या में व्यक्तियों ने ले ली थी। 

सांस्कृतिक रूपों की स्थिरता ये दिखाती है कि चिंपैंजी में सामाजिक संस्कृति मजबूत है। जानवर इंसानों की तरह ही मनमानी, गैर-फिटनेस-संबंधी घटनाओं के क्षेत्र में सांस्कृतिक प्राथमिकताओं को विकसित और बनाए रख सकते हैं। अध्ययन के इन निष्कर्षों से संकेत मिलता है कि इसके मनमाने सामाजिक सम्मेलनों और दीर्घकालिक स्थिरता सहित मानव संस्कृति की जड़ें मानव जाति के विकास में है।

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Published May 29th, 2021 at 15:32 IST

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