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Updated February 1st, 2019 at 12:20 IST

बड़ी ‘डिफॉल्टर’ कंपनियों से तीन लाख करोड़ रुपये की वसूली की : पीयूष गोयल

नई दिल्ली में उनका इशारा संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में फोन के जरिये ही बड़े पैमाने पर कर्ज दिए जाने की ओर था। 

Reported by: Neeraj Chouhan
| Image:self
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 वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि सरकार ने कर्ज नहीं चुकाने वाली (डिफॉल्टर) बड़ी कंपनियों से तीन लाख करोड़ रुपये की वसूली की है।  लोकसभा में 2019-20 का अंतरिम बजट पेश करते हुए गोयल ने कहा कि हमने फोन बैंकिंग की संस्कृति को समाप्त किया है। 
 
नई दिल्ली में उनका इशारा संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में फोन के जरिये ही बड़े पैमाने पर कर्ज दिए जाने की ओर था।  गोयल ने कहा कि बैंक आफ इंडिया, ओरियंटल बैंक आफ कॉमर्स और बैंक आफ महाराष्ट्र भारतीय रिजर्व बैंक की त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) के दायरे से बाहर आ चुके हैं। 
 
उन्होंने उम्मीद जताई कि अन्य बैंक भी जल्द पीसीए से बाहर निकलेंगे। 

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गोयल ने कहा कि हमारी सरकार के पास रिजर्व बैंक से डूबे कर्ज की ओर देखने और राष्ट्र के समक्ष सही तस्वीर पेश करने का साहस था। उन्होंने कहा कि दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता से डूबे कर्ज की वसूली में मदद मिल रही है। 
 
इससे पहले वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष 2018-19 में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.4 प्रतिशत रहेगा।  लोकसभा में वित्त वर्ष 2019-20 का बजट पेश करते हुए गोयल ने कहा कि चालू खाते का घाटा (कैड) इस साल जीडीपी का करीब ढाई प्रतिशत रहेगा।  उन्होंने बताया कि पिछले पांच साल में देश में 239 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आया है। 
 
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गोयल ने कहा, ‘‘हमने एफडीआई नियमों को उदार किया और स्वत: मंजूर मार्ग से अधिक निवेश की अनुमति दी है।’’ 
 
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू कर व्यवस्था में एक बड़ा सुधार आगे बढ़ाया है । 
 
गोयल ने कहा कि यदि मुद्रास्फीति को नियंत्रित नहीं किया जाता तो हमारे परिवारों को रोजमर्रा के इस्तेमाल के सामान पर 35 से 40 प्रतिशत अधिक खर्च करना पड़ता। 

(इनपुट- भाषा)

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Published February 1st, 2019 at 12:20 IST

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