Updated July 23rd, 2021 at 10:16 IST
ब्रिटेन के PM जॉनसन ने ईयू ग्रीन पास के लिए भारत के कोविशील्ड वैक्सीन का किया समर्थन
प्रधानमंत्री बोरिस का बयान 'ईयू ग्रीन पास' में भारत के बने वैक्सीन के मंजूरी ना मिलने के बीच में आया है।
Advertisement
भारत के कोविशील्ड वैक्सीन का समर्थन करते हुए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा है कि जब यूके की मेडिसिन एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी (MHRA) द्वारा कोविशील्ड को मान्यता प्राप्त हो गई है तो फिर इस वैक्सीन को पासपोर्ट के हिस्से के रूप में मान्यता क्यों नहीं दी जा रही हैं। प्रधानमंत्री बोरिस का बयान 'ईयू ग्रीन पास' में भारत के बने वैक्सीन के मंजूरी ना मिलने के बीच में आया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक ब्रिटेन में लगभग 5 मिलियन लोगों को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के कोविशील्ड वैक्सीन द्वारा टीका लगाया गया है।
एंजेला मर्केल जो की जर्मनी की राजनीतिज्ञ और भूतपूर्व शोध वैज्ञानिक है, उनके साथ एक संयुक्त सम्मेलन को संबोधित करते हुए बोरिस जॉनसन ने कहा, "मुझे कोई भी कारण नहीं दिखता है कि एमएचआरए (MHRA) द्वारा मान्यता प्राप्त टीकों को वैक्सीन पासपोर्ट के हिस्से के रूप में मान्यता क्यों नहीं दी जानी चाहिए और मुझे पूरा विश्वास है की ऐसा करने से कोई समस्या नहीं होगी"।
कोविशील्ड और ईयू ग्रीन पास
यूरोप के देशों ने जैसे ही अनलॉक करना शुरू किया, यूरोपीय यूनियन 'ग्रीन पास' देनें के लिए सहमत हो गया, यह 'ग्रीन पास' होनें से आपको यात्रा करने की अनुमति मिलती है और क्वारंटाइन में न रहने की छूट मिलती हैं। यूरोपीय मेडिसिन एजेंसी ने अपने 'ग्रीन पास' के तहत चार टीकों को मंजूरी दी गई है- बायोएनटेक, फाइजर, मॉडर्न, वैक्सजेवरिया और जॉनसन एंड जॉनसन। जिन्होंने यह वैक्सीन लगा रखा होगा उन्हें व्यापार और पर्यटन उद्देश्यों के लिए किसी भी यूरोपीय यूनियन के राज्यों में आवाजाही कर सकते हैं। हालांकि, एस्ट्राजेनेका के साथ साझेदारी किए जाने के बाद भी भारत के कोविशील्ड वैक्सीन को सूची में मान्यता नहीं मिली है।
कई यूरोपीय देशों ने स्वीकार किया कोविशील्ड वैक्सीन
भले ही कोविशील्ड यूरोपी मेडिसिन एजेंसी (EMA ) की मंजूरी का इंतजार कर रहा हो लेकिन कई देशों ने कोविशील्ड को 'ईयू ग्रीन पास' के लिए स्वीकार कर लिया हैं। इन देशों के नाम है, ऑस्ट्रिया, जर्मनी, स्लोवेनिया, ग्रीस, आइसलैंड, आयरलैंड और स्पेन। यह नियम 1 जुलाई से लागू हो जाएगा। अगर सूत्रों की मने तो स्विट्जरलैंड और एस्टोनिया ने भी कोविशील्ड को अपने-अपने देशों में अनुमति दे दी है, यह यूरोपीय यूनियन के कहने के बाद हुआ। जबकि ईएमए तब तक किसी वैक्सीन को मंजूरी नहीं देती है जब तक कंपनी के और से अनुरोध या आवेदन पत्र नहीं आता हैं। यूरोपीय यूनियन के पास बस डब्ल्यूएचओ (WHO) से मान्य हुई वैक्सीन देना का ही विकल्प हैं । SII ने सोमवार को मान्यता प्राप्त करने के लिए EMA को एक आवेदन किया है। भारत की अन्य वैक्सीन - कोवैक्सिन को डब्ल्यूएचओ (WHO) द्वारा अभी तक मंजूरी नहीं मिली हैं।
यह भी पढ़े- कोविशील्ड वैक्सीन को बेल्जियम ने दी मान्यता, कहा- सबसे कारगर वैक्सीन में से एक
यह भी पढ़े- कोरोना वेरिएंट B.1.617 के खिलाफ कोविशील्ड वैक्सीन 80% से अधिक प्रभावी: यूके स्टडी
Advertisement
Published July 23rd, 2021 at 10:14 IST
आपकी आवाज. अब डायरेक्ट.
अपने विचार हमें भेजें, हम उन्हें प्रकाशित करेंगे। यह खंड मॉडरेट किया गया है।