Updated June 24th, 2021 at 09:31 IST
NSA अजीत डोभाल ने SCO बैठक में पाकिस्तानी समकक्ष के साथ शेयर किया मंच; आतंकवाद पर हुई चर्चा
एनएसए अजीत डोभाल और पाकिस्तान के एनएसए मोईद यूसुफ के एससीओ की बैठक में भाग लिया।
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जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद पहली बार एनएसए अजीत डोभाल और पाकिस्तान के एनएसए मोईद यूसुफ के साथ बुधवार को ताजिकिस्तान के दुशांबे में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में भाग लिया। बैठक में अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद, उग्रवाद, अलगाववाद, कट्टरवाद, अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध बढ़ने के जोखिम, अन्य एससीओ देशों के एनएसए के साथ हथियारों और मादक पदार्थों की तस्करी पर चर्चा को लेकर चर्चा की। हालांकि दोनों एनएसए ने अलग-अलग बैठक नहीं की।
बता दें कि एससीओ में चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, भारत और पाकिस्तान जैसी प्रमुख एशियाई शक्तियां शामिल हैं।
एनएसए ने एससीओ बैठक में लिया भाग
बैठक में सदस्य देशों के बीच विश्वसनीय सूचना सुरक्षा सुनिश्चित करने, साइबर अपराध के खिलाफ संयुक्त लड़ाई और कोरोना महामारी के संदर्भ में जैविक सुरक्षा और खाद्य सुरक्षा के मुद्दों पर चर्चा की गई। बैठक में एससीओ के क्षेत्रीय आतंकवाद विरोधी ढांचे पर भी जोर दिया गया, जो क्षेत्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने और आधुनिक दुनिया के खतरों और चुनौतियों का मुकाबला करने में सदस्य देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। बैठक पिछले साल कोरोना महामारी के कारण वर्चुअल बैठक के विपरीत व्यक्तिगत रूप से आयोजित की गई।
बता दें कि डोभाल पिछले साल एससीओ की बैठक से उस दौरान बाहर हो गए थे, जब पाकिस्तान ने सभा के एजेंडे का उल्लंघन करते हुए 'विकृत' नक्शा दिखाने की कार्रवाई की थी। बैठक के बाद एक बयान में विदेश मंत्रालय ने कहा था कि पाकिस्तानी एनएसए ने जानबूझकर उस नक्शे को पेश किया, जिसमें कश्मीर, सियाचिन, गिलगित-बाल्टिस्तान और जूनागढ़ को पाकिस्तान का हिस्सा दिखाया गया था।
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मंत्रालय ने कहा कि यह मेजबान द्वारा इसके खिलाफ और बैठक के मानदंडों का उल्लंघन करने वाली सलाह की घोर अवहेलना थी। मेजबान से सलाह मशविरा करने के बाद भारतीय पक्ष विरोध में उस समय बैठक से निकल गया था।
गौरतलब है कि पाकिस्तान ने 25 फरवरी को अनुच्छेद 370, सीएए, कश्मीर, आतंकवाद, कोरोना प्रबंधन के निरसन पर भारत की लगातार आलोचना की है। भारत और पाकिस्तान ने युद्धविराम पर सहमति जताते हुए हॉटलाइन संपर्क और सीमा ध्वज बैठकों के मौजूदा तंत्र को दोहराया। इसके अलावा, पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने भारत से 'अतीत को दफनाने और आगे बढ़ने' का अनुरोध किया।
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Published June 24th, 2021 at 09:31 IST
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