Updated May 28th, 2020 at 12:17 IST
कोरोना काल में 5G और सैटेलाइट नेविगेशन टेक्नोलॉजी के जरिए चीन ने माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई नापने का काम किया पूरा
चीन ने माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई क्या है उसे मापने के लिए एक टीम बनाई थी। जिन्होंने 5G तकनीक और सैटेलाइट नेविगेशन के जरिए माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई मापने का काम पूरा कर लिया है।
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जहां एक तरफ दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही है वही दूसरी तरफ चीन ने विशाल पर्वत माउंट एवरेस्ट को फिर से नाप डाला है। जी हां, असल में चीन ने माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई क्या है उसे मापने के लिए एक टीम बनाई थी। जिन्होंने 5G तकनीक और सैटेलाइट नेविगेशन के जरिए माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई मापने का काम पूरा कर लिया है।
चीन की एक अखबार जिसका नाम ग्लोबल टाइम्स है उसकी रिपोर्ट के मुताबिक आठ लोगों की टीम ने ये कारनामा किया है। इन लोगों ने माउंट एवरेस्ट की पीक पर करीब दो घंटे का समय बिताया था। रिपोर्ट के मुताबिक 53 सदस्यीय मिशन के कमांडर वांग योंगफेंग जो 5,200 मीटर की ऊंचाई पर एवरेस्ट बेस कैंप में थे.. जो पीक पर मौजूद सदस्यों के साथ बातचीत करने में सक्षम थे। योंगफ़ेंग को बताया गया कि पर्वत पर 5G काफी 'उत्कृष्ट' था।
चीनी शोधकर्ताओं के मुताबिक माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 8,844.43 मीटर है। वही नेपाल के मुताबिक माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 8,848 मीटर है।
कौन सी टेक्नोलॉजी का चीन ने किया इस्तेमाल?
इस प्रेजेक्ट के लिए 5G के साथ अन्य नई टेक्नोलॉजी भी चीनी मिशन का हिस्सा थीं। जिनमें घरेलू रूप से विकसित BeiDou सैटेलाइट नेविगेशन सिस्टम (BDS), चीन की दूसरी पीढ़ी की जियोस्टेशनरी मौसम प्रणाली जिसे Fengyun-4 कहा जाता है और संचार उपग्रह Zhongxing-6A भी शामिल था।
इस मिशन के साथ चीन 2020 में माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाला एकमात्र देश बन गया है। जबकि दुनिया कोरोना महामारी (COVID-19) के कारण घर पर ही फंसी हुई है। रिपोर्टों के मुताबिक, एशियाई महाशक्ति ने माउंट एवरेस्ट के कम से कम छह बड़े सर्वेक्षण किए हैं, लेकिन ऊंचाई केवल 1975 और 2005 में दर्ज की गई थी।
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Published May 28th, 2020 at 12:17 IST
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