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Updated November 26th, 2020 at 14:42 IST

यूरोपीय सांसदों ने पाक PM को लिखा पत्र, पूछा- ‘26/11 मुंबई हमले के दोषियों के खिलाफ क्या कदम उठाया?’

दो यूरोपीय सांसदों ने पाकिस्तान के पीएम इमरान खान को एक पत्र लिखा है जिसमें उनसे ‘26/11 मुंबई आतंकी हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को अभी तक कोई सजा नहीं देने पर सवाल किया गया।’ 

Reported by: Sakshi Bansal
| Image:self
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दो यूरोपीय सांसदों ने पाकिस्तान के पीएम इमरान खान को एक पत्र लिखा है जिसमें उनसे ‘26/11 मुंबई आतंकी हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को अभी तक कोई सजा नहीं देने पर सवाल किया गया।’ 

‘दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की है?’

24 नवंबर को खान को लिखे पत्र में पोलिश सांसद Ryszard Czarnecki और इतालवी सांसद Fulvio Martusciello ने यह जानने का अनुरोध किया कि ‘पाकिस्तान ने देश में स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के खिलाफ क्या कार्रवाई की थी या की है, जिसे 2008 में मुंबई में हुए हमले के लिए जिम्मेदार माना जाता है।’ 

बता दें कि 26 नवंबर 2008 को पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा के 10 आतंकवादी समुद्र के रास्ते मुंबई में घुस आए थे और उन्होंने 18 सुरक्षाकर्मियों समेत 166 लोगों की हत्या कर दी थी। सुरक्षाबलों द्वारा नौ आतंकवादी मारे गए थे। अजमल कसाब नामक एकमात्र आतंकी जीवित पकड़ा गया था जिसे 21 नवंबर 2012 को फांसी दे दी गई।

पाकिस्तान लगातार आरोपों से इनकार करता रहा है और अभी तक भारत द्वारा साझा किए गए कई डोजियर पर कार्रवाई नहीं की है। खान को चेतावनी देते हुए, दोनों सांसदों ने कहा, “आतंकवाद अक्सर राजनीतिक या वैचारिक उद्देश्यों का पीछा करने की कोशिश में हिंसा और धमकी का गैरकानूनी उपयोग है, खासकर नागरिकों के खिलाफ। यूरोपीय राजनेता होने के नाते, हम आतंकवाद और चरमपंथी हिंसा के खिलाफ लड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम आतंकवाद की निंदा करें और ऐसे कार्यों को अंजाम देने वालों को सजा दिलाएं।”

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'इन हिंसक कामों की निंदा करना जरूरी है'

Czarnecki और Martusciello ने अपने पत्र में लिखा- “26 नवंबर 2008 को, इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ पाकिस्तान में स्थित एक चरमपंथी आतंकवादी संगठन, लश्कर-ए-तैयबा ने मुंबई बम विस्फोटों की ज़िम्मेदारी ली जिसमें 166 निर्दोष लोगों की हत्या कर दी गई थी, नौ हमलावरों को मार दिया गया, और 300 से अधिक व्यक्ति घायल हो गए।”

उन्होंने आगे कहा “बाद में संयुक्त राज्य अमेरिका की खुफिया रिपोर्टों, भारत की खुफिया सेवाओं सहित डीएनए, तस्वीरों और हमलावरों की पहचान और पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ द्वारा अपराधों में शामिल होने की स्वीकृति जैसे सबूतों को देखने के बाद पाकिस्तान के इसमें शामिल होने का पता चलता है। हालांकि, हमले की साजिश रचने वाले आजाद हैं।”

चूंकि यूरोप भी बढ़ते कट्टरपंथी और चरमपंथी जिहादी हमलों के भयावह कृत्यों के प्रभावों से ग्रस्त है, इसलिए राजनेताओं ने कहा कि “यह आवश्यक है कि इस तरह की आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने, निर्देश देने या समर्थन करने वालों को सजा दी जाए। यह भी उतना ही महत्वपूर्ण है कि देशों के नेता सार्वजनिक रूप से हिंसा के इन कामों की निंदा करें और अपराधियों को गिरफ्तार करके पीड़ितों के लिए न्याय सुनिश्चित करें।”

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Published November 26th, 2020 at 14:36 IST

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