Updated July 24th, 2021 at 10:34 IST
पाकिस्तान: AK-47 लेकर CPEC प्रोजेक्ट पर काम कर रहे चीनी इंजीनियर, इमरान सरकार की हो रही किरकिरी
पाकिस्तान के कई हिस्सों में CPEC प्रोजेक्ट पर AK -47 जैसे हथियारों के साथ काम करते देखा जा सकता है।
Advertisement
सोशल मीडिया पर पाकिस्तान की कुछ तस्वीरें वायरल हो रही हैं, जिसमें चीनी कामगारों को पाकिस्तान के कई हिस्सों में CPEC प्रोजेक्ट पर AK -47 जैसे हथियारों के साथ काम करते देखा जा सकता है।
गौरतलब है कि 14 जुलाई को खैबर पख्तूनख्वा के ऊपरी कोहिस्तान में दसू बांध पर चीनी इंजीनियरों को ले जा रही एक बस पर आतंकी हमला हुआ था जिसमें नौ चीनी कामगार मारे गए थे। इससे चीनी श्रमिकों को सुरक्षा मुहैया करने में पाकिस्तानी सरकार की विफलता सामने आई थी।
खबर के मुताबिक, चीनी कामगार और इंजीनियर, पाकिस्तान में जहां भी काम करते हैं, सशस्त्र गार्डों द्वारा चौबीसों घंटे पहरा दिया जाता है। चीनी कामगारों का कहना है कि इस स्थिति में वे खुद को बंधक जैसा महसूस करते हैं। कई बार पाकिस्तानी सेना और चीनी कामगारों के बीच झड़प की खबरें भी सामने आई है।
क्या है झड़प का कारण
चीनी कामगारों पर यह पहला हमला नहीं है बल्कि पाकिस्तान में अक्सर ऐसा देखने को मिल रहा है। बीते दिन इस तरह के झड़पों को काफी देखा जा रहा है। दरअसल, चीन अपनी महत्वकांक्षी परियोजना बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (Belt and Road Initiative) का एक बड़ा हिस्सा पाकिस्तान में तैयार कर रहा है। पाकिस्तान में इसे CPEC प्रोजेक्ट के नाम से जाना जाता है।
इसे भी पढ़ें - अफगान राजनयिक की बेटी के अपहरण में नाम लेने पर भारत ने पाक को लताड़ा, कहा- बंद करें निचता
पाकिस्तान सरकार जहां एक ओर इस प्रोजेक्ट को मजबूत आधारभूत संरचना के तौर पर पेश कर रही है। वहीं पाकिस्तान के एक बड़े हिस्से में लोग इसे शोषण के रूप में देखते हैं और खुलकर विरोध भी करते हैं। इस प्रोजेक्ट का बड़ा हिस्सा बलूचिस्तान से होकर गुजरता है, इसलिए अधिक विरोध भी वहीं देखने को मिलता है।
बलूचिस्तान के लोगों का आरोप है कि चीनी कामगारों के द्वारा उसके स्थानीय संस्कृति को समाप्त किया जा रहा है। अपना विरोध दिखाने के लिए ये लोग इन्हें निशाना बनाते हैं।
इसे भी पढ़ें - पाकिस्तान ने भी TikTok पर लगाया बैन, अश्लीलता को बढ़ावा देने का आरोप
चीनी कामगारों के पास हथियार कहां से आया ?
सोशल मीडिया पर हथियार के साथ चीनी कामगारों की तस्वीर वायरल होने के बाद लोग यह सवाल खड़ा कर रहे हैं कि इतने आधुनिक और खतरनाक हथियार कामगारों को कौन मुहैया करा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो ये हथियार इन्हें हक्कानी नेटवर्क द्वारा मिलता है, जिसके लिए ये लोग मोटी रकम चूकाते हैं।
कामगारों के बस पर हुए हमले के बाद चीन ने CPEC प्रोजेक्ट फिलहाल रोक दिया है और घटना की जांच की मांग रखी है। पाकिस्तान सरकार ने कहा है कि वह इस पर कार्रवाई करेगी।
इसे भी पढ़ें - अफगान वायु सेना ने किया तालिबानी कैंप पर एयर स्ट्राइक, मारे गए 20 आतंकवादी
Advertisement
Published July 24th, 2021 at 10:34 IST
आपकी आवाज. अब डायरेक्ट.
अपने विचार हमें भेजें, हम उन्हें प्रकाशित करेंगे। यह खंड मॉडरेट किया गया है।