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Updated May 29th, 2021 at 07:39 IST

EMA ने की फाइजर वैक्सीन की सिफारिश, 12-15 साल के बच्चों को लग सकता है टीका

ईएमए ने फाइजर और बायोएनटेक द्वारा बनाए गए कोविड-19 वैक्सीन के उपयोग को 12 से 15 वर्ष की आयु के बच्चों को लगाए जाने की सिफारिश की।

Reported by: Ritesh Mishra
| Image:self
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कोरोना महामारी के खिलाफ जारी युद्ध के बीच यूरोपीय मेडिसिन एजेंसी (ईएमए) ने फाइजर और बायोएनटेक द्वारा बनाए गए कोविड-19 वैक्सीन के उपयोग को 12 से 15 वर्ष की आयु के बच्चों को लगाए जाने की सिफारिश की। ईएमए के इस फैसले से महामारी के दौरान महाद्वीप पर बच्चों के लिए टीकाकरण का रास्ता खुल रहा है।

टीके की समीक्षा करने वाले ईएमए निकाय के प्रमुख मार्को कैवेलरी ने कहा कि 'नियामक को युवा किशोरों के लिए टीके को अधिकृत करने के लिए आवश्यक आंकड़ें मिले हैं और इसे कोविड​​-19 के खिलाफ अत्यधिक प्रभावी पाया गया। निर्णय को यूरोपीय आयोग और व्यक्तिगत राष्ट्रीय नियामकों द्वारा मुहर लगाने की आवश्यकता है।'

आपको बता दें कि यूरोपीय संघ में यह 12 से 15 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए पहला कोरोना वैक्सीन होगी। बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन महत्वपूर्ण है क्योंकि विभिन्न रिपोर्टों ने सुझाव दिया था कि कोरोना की तीसरी लहर बच्चों को प्रभावित कर सकती है। हालांकि एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया के अनुसार यह किसी भी तरह से निश्चित नहीं है। 

फाइजर के अलावा भारत बायोटेक के बिजनेस डेवलपमेंट और इंटरनेशनल एडवोकेसी हेड डॉ। राचेस एला ने जून से अपनी कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन के बच्चों पर परीक्षणों के संभावित शुरू होने की जानकारी दी।

इसे भी पढ़ें: कोरोना: एक महीने तक फ्रिज में रख सकते हैं फाइजर वैक्सीन: EMA

बता दें कि पिछले महीने कनाडा और यू।एस। में नियामकों द्वारा इसी तरह का फैसला लिया गया, क्योंकि कुछ देश धीरे-धीरे वयस्कों को टीका लगाना चाहते हैं। ईएमए की सिफारिश है कि टीके के प्राधिकरण को बच्चों तक विस्तारित किया जाए, यह अमेरिका में 2,000 से अधिक किशोरों में एक अध्ययन पर आधारित था, जिसमें दिखाया गया था कि टीका सुरक्षित और प्रभावी था। शोधकर्ता अगले दो वर्षों तक बच्चों में शॉट की दीर्घकालिक सुरक्षा और सुरक्षा की निगरानी करना जारी रखेंगे।

दुनिया भर में अधिकांश कोरोना टीके वयस्कों के लिए अधिकृत किए गए हैं, जिन्हें गंभीर बीमारी और कोरोना वायरस से मौत का ज्यादा खतरा है। आपको बता दें कि कुछ शोधों से पता चला है कि बच्चे वायरस को फैलाने में बड़ी जिम्मेदारी निभा सकते हैं, इसीलिए अब दुनियाभर के देश बच्चों को टीका लगाना चाहती है।


 

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Published May 29th, 2021 at 07:39 IST

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