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Updated June 1st, 2023 at 07:25 IST

अपने पत्रकारों को भारत में एंट्री दिलाने को बेताब है China, वीजा प्रतिबंधों को हटाने के लिए मोदी सरकार से लगा रहा गुहार

India-China Relations: चीन अपने पत्रकारों को भारत में एंट्री दिलाने के लिए बेताब नजर आ रहा है। इसके लिए वो भारत-चीन संबंधों की दुहाई दे रहा है।

Reported by: Kunal Verma
india china relations
india china relations | Image:self
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Visa Restrictions in India: भारत में अपने पत्रकारों की एंट्री को लेकर चीन लगातार भारत पर भेदभाव करने के आरोप लगाता रहा है। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने भी कहा है कि पत्रकारों के साथ हो रहे भेदभाव की वजह से भारत में अब केवल एक चीनी पत्रकार बचे हैं। 

वहीं, चीन अब मोदी सरकार के सामने भारत-चीन संबंधों की दुहाई देते हुए इन प्रतिबंधों को हटाने की मांग कर रहा है। चीन का कहना है कि मीडिया रिलेशन्स के जरिए भारत-चीन संबंधों को और बेहतर किया जा सकता है। इसके लिए भारत को चीनी पत्रकारों पर लगे वीजा प्रतिबंधों को हटाने पर विचार करना चाहिए।

भारत और चीन संबंधों के लिए अहम भूमिका निभाते हैं पत्रकार

चीन ने अपने मुखपत्र के जरिए मोदी सरकार पर दबाव बनाने की नाकाम कोशिश की है। उसने भारत और चीन के बिगड़े संबंधों को सुधारने की दुहाई देते हुए अमेरिका को भी बीच में घसीटा है। उसने कहा- 'भारत और चीन के संबंधों में दोनों देशों के पत्रकार अहम भूमिका निभाते हैं। इससे दोनों देशों के बीच समझ और संवाद में बढोत्तरी होती है। हालांकि, 2020 से ही बॉर्डर मुद्दों को लेकर दोनों देशों के बीच अधिक दूरियां आ गईं। इसके बाद अब पत्रकारों पर प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं, जो दोनों देशों के हित में नहीं है। पिछले कुछ समय से कई और दिक्कतें बढ़ी हैं। भारत और चीन के मुद्दे पश्चिमी मीडिया के जरिए सामने आते हैं, लेकिन पश्चिमी रिपोर्ट्स ज्यादातर पक्षपात करते हैं और चीन को केवल नुकसान पहुंचाने की कोशिश करते हैं।'

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वीजा प्रतिबंधों को लेकर चीन को उकसा रहा भारत

चीन ने वीजा प्रतिबंधों को लेकर भारत पर उकसाने का आरोप लगाया है। उसका कहना है कि भारत बिना कारण दिए चीनी पत्रकारों के वीजा को रिजेक्ट कर देता है और चीन पर भारतीय पत्रकारों के वीजा को फ्रीज करने का आरोप लगाता है।

जान लें कि चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने बुधवार को कहा था- 'चीनी पत्रकार लंबे समय से भारत में भेदभाव के शिकार हो रहे हैं। 2017 में भारत ने चीनी पत्रकारों के वीजा की समय-सीमा तीन महीनों तक घटा दी। इसके लिए भारत ने कोई कारण भी नहीं बताया। इसके बाद 2020 में भारत ने चीनी पत्रकारों के भारत में रहने के एप्लीकेशन को अप्रूव और रिव्यू करने से साफ इनकार कर दिया। इतना ही नहीं, भारत सरकार ने अब तक पिछले चीनी पत्रकार के वीजा को रिन्यू तक नहीं किया है।'

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Published June 1st, 2023 at 07:18 IST

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