Updated June 27th, 2019 at 12:19 IST
पुरस्कार राशि में कटौती को लेकर अनिल विज पर बरसे बजरंग-विनेश, पूछा- 4 साल में कितने खिलाड़ियों को नौकरी दी?
बुधवार सुबह बजरंग पूनिया ने अपने बयान में सरकार के खिलाफ जमकर निशाना साधा तो शाम होते-होते महिला पहलवान विनेश फोगाट ने भी सरकार को आड़े हाथों लिया।
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हरियाणा की खेल नीति पहले अच्छी होती थी लेकिन अब उसी नीती पर सवाल खड़े हो रहे हैं जबसे हरियाणा सरकार ने खेल सम्मान समारोह रद्द किया है और खिलाड़ियों को दी जाने वाली इनामी राशि में कटौती हुई है तब से खिलाड़ियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है।
बुधवार सुबह बजरंग पूनिया ने अपने बयान में सरकार के खिलाफ जमकर निशाना साधा तो शाम होते-होते महिला पहलवान विनेश फोगाट ने भी सरकार को आड़े हाथों लिया।
उन्होंने खेल मंत्री अनिल विज से सीधा सीधा सवाल किया कि अनिल विज जी बताएं कि पिछले साढे 4 सालों में कितने खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी दी गई मैंने जबसे एशिया गेम्स में पदक जीता है तब से लेकर अब तक मुझे कोई भी नाम सरकार की तरफ से नहीं दिया गया और जब देने की बात आई तो उसमें भी कटौती की गई
हरियाणा को खेलो का हब कहा जाता है , और हरियाणा की खेल नीति का अनुसरण पूरा देश करता है यह कहा जाता है कि हरियाणा की खेल नीति पूरे देश में सबसे अच्छी है लेकिन जब से हरियाणा सरकार ने पिछले दो खेल सम्मान समारोह किए हैं और मेडल जीतने पर दी जाने वाली इनामी राशि में कटौती की है तब से हरियाणा के खिलाड़ियों का मनोबल टूटा है और बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट जैसी बड़ी खेल हस्तियों ने तो सोशल मीडिया के माध्यम से सरकार को घेरने का भी काम किया है।
मीडिया से बातचीत करते हुए विनेश फोगाट ने कहा कि हरियाणा सरकार ने जो खेल सम्मान समारोह है इसलिए रद्द किया क्योंकि उस में दी जाने वाली नानी राशि में कटौती होती और यह सुर्खियां मीडिया में बनती इसी के चलते सरकार ने सभी के खातों में पैसे भिजवाने का काम किया और उस में कटौती की गई।
विनेश फोगाट ने कहा अनिल विच बताएं कि पिछले 4 सालों में कितने खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी दी गई और जो मैं अपनी बात करूं तो मैं नहीं जब से रियो ओलंपिक खेला है और एशिया में मेडल जीता तब से लेकर आज तक मैं हरियाणा सरकार की तरफ से नौकरी का ऑफर की आस में बैठी हूं, लेकिन मजबूरी के चलते मैंने रेलवे ज्वाइन किया सरकार को अपनी इस रणनीति को बदलना चाहिए पता नहीं किस अधिकारी ने इस नीति को बनाया है मुझे नहीं लगता कि इस अधिकारी ने नीति बनाई है वह स्टेट लेवल का भी खिलाड़ी रहा होगा सरकार को इस खेल नीति पर दोबारा विचार करने की आवश्यकता है क्योंकि इस खेल नीति से खिलाड़ियों के आत्मसम्मान पर बनी है।
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Published June 27th, 2019 at 12:16 IST
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