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Updated February 26th, 2021 at 18:38 IST

युवराज सिंह को ‘जातिगत टिप्पणी’ मामले में मिली बड़ी राहत, कोर्ट ने हरियाणा सरकार को थमाया नोटिस

पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने गुरुवार को युवराज सिंह के खिलाफ ‘जातिगत टिप्पणी’ मामले में हरियाणा सरकार को कोई बलपूर्वक कार्रवाई न करने का आदेश दिया है।

Reported by: Sakshi Bansal
| Image:self
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पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने गुरुवार को युवराज सिंह के खिलाफ ‘जातिगत टिप्पणी’ मामले में हरियाणा सरकार को पूर्व क्रिकेटर के खिलाफ कोई बलपूर्वक कार्रवाई न करने का आदेश दिया है। युवराज सिंह की पिछले साल एक इंस्टाग्राम चैट के दौरान कथित जातिवादी टिप्पणी को लेकर दर्ज की गई FIR को रद्द करने की याचिका पर सुनवाई करते हुए, हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से अगले चार हफ्तों के अंदर जवाब देने को भी कहा है।

युवराज सिंह के वकील पुनीत बाली ने दावा किया कि ‘भारत के पूर्व क्रिकेटर और भारतीय बल्लेबाज रोहित शर्मा पिछले साल अप्रैल में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस मुद्दे पर लाइव चैट कर रहे थे कि महामारी और लॉकडाउन के बीच जीवन कैसा हो गया था।’ वकील ने कहा कि ‘युवराज सिंह ने फ्रेंडली तरीके से दो अन्य क्रिकेटरों का भी जिक्र किया था जो उनके दोस्त हैं’। वकील ने आगे कहा कि बातचीत के दौरान, ‘याचिकाकर्ता का किसी भी समुदाय का अपमान करने का इरादा नहीं था।’

पीटीआई ने बाली के हवाले से कहा, “कोर्ट ने सिंह के खिलाफ कोई बलपूर्वक कदम नहीं उठाने का आदेश दिया है और शिकायतकर्ता और राज्य को नोटिस ऑफ मोशन जारी किया है।”

क्या है मामला?

गौरतलब है कि एक दलित कार्यकर्ता राजन कलसन ने पिछले साल युवराज सिंह के खिलाफ कथित रूप से अपने पूर्व साथी युजवेंद्र चहल के लिए एक 'जातिवादी' शब्द का उपयोग करने के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। सोशल मीडिया पर इस घटना के बाद, पूर्व भारतीय क्रिकेटर को काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। 

उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 153, 153 (ए), 505, 295 के तहत और एससी / एसटी एक्ट की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। 

बता दें कि यह घटना अप्रैल 2020 में वर्तमान भारतीय उप-कप्तान रोहित शर्मा के साथ एक लाइव सेशन के दौरान हुई थी। जून में दर्ज शिकायत में आरोप लगाया गया था कि क्रिकेटर की टिप्पणी ‘इरादतन और अपमानजनक थी जो दलित समुदाय को बदनाम करती है’।

युवराज सिंह का बयान

हालांकि, इतनी आलोचना के बाद पूर्व क्रिकेटर ने बयान जारी कर कहा कि ‘उन्होंने कभी भी किसी भी प्रकार की असमानता में विश्वास नहीं किया है, चाहे वह जाति, रंग, पंथ या लिंग के आधार पर हो’। उन्होंने आगे कहा कि ‘उन्होंने लोगों के कल्याण के लिए अपना जीवन दिया है और यही जारी रख रहे हैं।’ 

आखिर में उन्होंने कहा कि ‘अगर उन्होंने अनजाने में किसी की भावनाओं को आहत किया है, तो वह खेद व्यक्त करना चाहेंगे’।

ये भी पढ़ेंः IND Vs ENG: क्या युवराज सिंह ने अश्विन की उपलब्धि को किया नजरअंदाज? इस ट्वीट पर मचा बवाल

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Published February 26th, 2021 at 18:32 IST

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