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Updated September 11th, 2018 at 16:34 IST

होमी व्यारावाला का दिलचस्प किस्सा ..

होमी ने अपने करियर की शुरुआत साल 1930 में की थी. इसके साथ ही उनके काम को साल 1938 से लेकर  साल 1970 के बीच काफी पसंद किया गया था.

Reported by: Gaurav Kumar
| Image:self
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भारत की पहली महिला फोटोग्राफर पत्रकार होमी व्यारावाला को शनिवार को सर्च इंजन गूगल ने याद किया. होमी व्यारावाला का जन्म 9 दिसंबर 1913 को गुजरात के नवसारी के एक पारसी परिवार में हुआ था. उन्होंने अपने पति, मानेकशॉ जमशेदजी व्यारावाला से कैमरे और फोटोग्राफी की कला को सीखा. होमी ने अपने करियर की शुरुआत साल 1930 में की थी. इसके साथ ही उनके काम को साल 1938 से लेकर  साल 1970 के बीच काफी पसंद किया गया था. रिपब्लिक टीवी की पत्रकार नताशा ने होमी व्यारावाला से साल 2011 में हुई मुलाकात का जिक्र करती हुई कहती हैं -

''मुझे याद है मैंने होमी व्यारावाला से साल 2011 में वडोदरा में मुलाकात की थी, उनके चेहरे पर झुर्रियां दिखाई दे रही थी और उनके सुनने की क्षमता भी कम हो चुकी थी. जहां मैं बैठी थी उसके पिछे की दिवारों पर उनके द्वारा खींची गई काफी लोकप्रिय तस्वीरें थी.  मैं उन तस्वीरों को देखकर मुस्कुराई, इतने मैं उन्होंने कहा, ''मैं सही समय पर सही जगह पर थी.''

नताशा उन दिनों को याद करती हुई कहती हैं कि मैंने होमी व्यारावाला से एक ऐसा सवाल पूछा था जो एक फोटोग्राफर से आमतौर पर पूछा जाता है. मैंने उनसे पूछा कि आपने इतनी सारी फोटो खीचीं हैं इन फोटो में से आपकी सबसे फेवरेट फोटो कौन सी है? उन्होंने इसका जबाव देते हुए कहा इनमें से कईं हैं, आप तस्वीरों को ग्रेड के हिसाब से नहीं बांट सकते. हर एक फोटो की अपनी एक अलग कहानी है.

होमी ने कहा लेकिन मुझे याद है कि जब पहली बार साल 1959 में दलाई लामा भारत आए थे, तब मैंने उनकी फोटो खीचीं थी, मुझे याद है कि तब मुझे खासतौर पर सिक्किम भेजा गया था. दलाई लामा के आने से लेकर जाने तक के फोटो को खिचने के लिए मुझे अवसर दिया गया था. इसपर नताशा कहती हैं, मझे जबाव सुनकर थोड़ी हैरानी हुई, मुझे लगा था की वो पंडित नेहरू का नाम लेंगी. उनकी सबसे प्रसिद्ध तस्वीरों में 16 अगस्त 1947 को लाल किले में पहली बार झंडा फहराने का समारोह, महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू के अंतिम संस्कार और लॉर्ड माउंटबेटन की तस्वीर जब वह भारत छोड़कर जा रहे थे शामिल हैं. 

उनकी पहली तस्वीर बॉम्बे में महिला क्लब की पिकनिक पार्टी की थी, जिसे साल 1930 में बॉम्बे क्रॉनिकल पत्रिका में प्रकाशित किया गया था, जिसके लिए होमी को सिर्फ एक रुपये मिला था. होमी को भारत का दूसरा सबसे बड़ा सम्मान पद्म विभूषण से साल 2011 में नवाजा गया था.

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Published December 9th, 2017 at 18:07 IST

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