Advertisement

Updated April 25th, 2024 at 14:01 IST

यक्षगान कलाकार सुब्रह्मण्य धारेश्वर का हुआ निधन

Subrahmanya Dhareshwar: 67 वर्ष की उम्र में यक्षगान कलाकार सुब्रह्मण्य धारेश्वर का निधन हो गया है।

Subrahmanya Dhareshwar
सुब्रह्मण्य धारेश्वर (फाइल फोटो) | Image:Subrahmanya Dhareshwar/Facebook
Advertisement

Subrahmanya Dhareshwar: अपनी मखमली आवाज के लिए 'भगवत श्रेष्ठ' के नाम से चर्चित यक्षगान कलाकार सुब्रह्मण्य धारेश्वर का 67 वर्ष की उम्र में बृहस्पतिवार को बेंगलुरु में निधन हो गया।

परिवार के सूत्रों ने बताया कि वह बीमार थे और आज सुबह बेंगलुरु में बेटे के घर पर उन्होंने अंतिम श्वांस ली।

Advertisement

उनके परिवार में उनकी पत्नी, बेटा और बेटी हैं।

बडगुथिट्टू संस्करण में यक्षगान को अनोखे रूप में पेश कर इसकी लहर पैदा करने वाले कलिंग नवादा के निधन के बाद सुब्रह्मण्य धारेश्वर ने इस कला को नयी ऊंचाइयों पर पहुंचाया।

Advertisement

तटीय कर्नाटक की एक अनूठी नृत्य कला यक्षगान के लिए धारेश्वर ने अपने जीवन के 46 वर्ष समर्पित किए। यक्षगान पारंपरिक लोक नृत्य का एक रूप है जो कर्नाटक के तटीय जिलों और केरल के कासरगोड जिले में लोकप्रिय है। नृत्य, गायन और नाट्य कला की यह संयुक्त शैली केरल की थेय्यम कला से मिलती-जुलती है।

धारेश्वर के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कहा कि यक्षगान कला के क्षेत्र में 'भगवत श्रेष्ठ' का योगदान हमेशा याद किया जाएगा।

Advertisement

ये भी पढ़ें: वरिष्ठ अमेरिकी राजनयिक ने लॉस एंजिलिस में जैन समुदाय के सदस्यों से मुलाकात की

Advertisement

Published April 25th, 2024 at 14:01 IST

आपकी आवाज. अब डायरेक्ट.

अपने विचार हमें भेजें, हम उन्हें प्रकाशित करेंगे। यह खंड मॉडरेट किया गया है।

Advertisement

न्यूज़रूम से लेटेस्ट

Advertisement
Advertisement
Advertisement
Whatsapp logo