Updated April 17th, 2024 at 19:22 IST
UPSC Topper 2024: शांत, क्रिकेट प्रेमी... आदित्य श्रीवास्तव के IAS टॉपर बनने की कहानी, मां की जुबानी
यूपीएससी की परीक्षा में उत्तर प्रदेश के आदित्य श्रीवास्तव ने टॉप रैंक हासिल किया है। माता-पिता ने आदित्य की सफलता के पीछे की कहानी बताई है।
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राघवेंद्र पांडे
यूपीएससी सिविल सर्विसेज एग्जामिनेशन 2023 (UPSC 2023) का रिजल्ट जारी हो गया है। यूपीएससी की परीक्षा में उत्तर प्रदेश के आदित्य श्रीवास्तव ने टॉप रैंक हासिल किया। आदित्य ने कैसे ये सफलता पाई उनके माता-पिता ने बेटे की संघर्ष की कहानी रिपब्लिक भारत के संव बताई है। परिवार ने बताया कि 2017 से आदित्य परीक्षा की तैयारी कर रहे थे। तीसरे प्रयास में आदित्य को सफलता हाथ लगी।
सिविल सर्विस एग्जाम में टॉप रैंक हासिल करने वाले आदित्य श्रीवास्तव राजधानी लखनऊ से हैं। उन्होंने सीएमएस से पढ़ाई की है। आदित्य वर्तमान में हैदराबाद में अंडर ट्रेनिंग हैं। यह उनका तीसरा प्रयास था। पहले दो प्रयासों में सफलता हाथ नहीं लग पाई थी। परिवार ने बताया कि पहले अटेमप्ट में वे प्रीलिम्स तक नहीं पास कर पाए थे। इसके बाद यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में उनकी 136वीं रैंक आई थी। तीसरे अटेमप्ट में आदित्य यूपीएससी टॉपर बन गए।
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IPS में सलेक्ट होने से निराश थे आदित्य
सफलता के पीछे की संघर्ष की कहानी बताते हुए आदित्य के दादा ने कहा कि उसने अपने पिता का सपना पूरा किया। पिता की बड़ी इच्छा थी कि बेटा IAS बने और आदित्य ने यह कर दिखाया। पिछली बार जब वह आईपीएस में सलेक्ट हुआ था तब वह निराश था। मगर तीसरी बार में ही उसने टॉप कर लिया यह बहुत गर्व की बात है।
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शांत स्वाभाव का आदित्य को मिली बड़ी सफलता
आदित्य के पिता ने कहा कि वह बचपन से ही मेधावी और शांत स्वाभाव वाला बच्चा था। अपने काम को जिम्मेदारी से करता थाषृ। वो खाने का बहुत शौकीन है। शुरू से ही उसने सीएमएस में पढ़ाई की और उसे कभी ट्यूशन की आवश्यकता नहीं हुई। जॉब से जब हमें समय मिलता था तब हम भी उसे पढ़ा पाते थे मगर वो खुद से अपनी पढ़ाई कर लेता था। आज बेटे की सफलात पर बहुत गर्व हो रहा है।
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मां के जुबानी बेटे की सफलता की कहानी
वहीं, आदित्य की मां ने कहा कि हमलोगों ने बेटे की सफलता के बहुत त्याग किए हैं। आज आदित्य के पापा का सपना पूरा हुआ। बेटे की सफलता से पूरे परिवार में खुशी है। वहीं, आदित्य की पसंद और नापसंद की बात करते हुए मां ने कहा कि हमारे बेटे को पढ़ने के साथ-साथ गाना गुनगुनाना पसंद था, खाली समय में उसे क्रिकेट खेलना भी पसंद है।बेटे की संघर्ष की कहानी सुनाते-सुनाते मा भावुक हो गई। मां ने कहा कि बेटे के कारण हम लोग कहीं भी घूमने टहलने या अन्य कार्यक्रमों में नहीं जाते थे। मगर आज सबका त्याग और आदित्य की मेहनत रंग लाई। आज बहुत गर्व हो रहा है अपने बेटे पर।
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Published April 16th, 2024 at 19:35 IST
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